Hindi, asked by Yeppie, 2 months ago

शोषण का संधि विच्छेद कीजिए।​

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Answered by suhan5265
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Answer:

संधि

संधि का अर्थ है– मिलना। दो वर्णोँ या अक्षरोँ के परस्पर मेल से उत्पन्न विकार को ‘संधि’ कहते हैँ। जैसे– विद्या+आलय = विद्यालय। यहाँ विद्या शब्द का ‘आ’ वर्ण और आलय शब्द के ‘आ’ वर्ण मेँ संधि होकर ‘आ’ बना है।

संधि–विच्छेद: संधि शब्दोँ को अलग–अलग करके संधि से पहले की स्थिति मेँ लाना ही संधि विच्छेद कहलाता है। संधि का विच्छेद करने पर उन वर्णोँ का वास्तविक रूप प्रकट हो जाता है। जैसे– हिमालय = हिम+आलय।

परस्पर मिलने वाले वर्ण स्वर, व्यंजन और विसर्ग होते हैँ, अतः इनके आधार पर ही संधि तीन प्रकार की होती है– (1) स्वर संधि, (2) व्यंजन संधि, (3) विसर्ग संधि।

स्वर संधि –

जहाँ दो स्वरोँ का परस्पर मेल हो, उसे स्वर संधि कहते हैँ। दो स्वरोँ का परस्पर मेल संस्कृत व्याकरण के अनुसार प्रायः पाँच प्रकार से होता है–

(1) अ वर्ग = अ, आ

(2) इ वर्ग = इ, ई

(3) उ वर्ग = उ, ऊ

(4) ए वर्ग = ए, ऐ

(5) ओ वर्ग = ओ, औ।

इन्हीँ स्वर–वर्गोँ के आधार पर स्वर–संधि के पाँच प्रकार होते हैँ–

1.दीर्घ संधि– जब दो समान स्वर या सवर्ण मिल जाते हैँ, चाहे वे ह्रस्व होँ या दीर्घ, या एक ह्रस्व हो और दूसरा दीर्घ, तो उनके स्थान पर एक दीर्घ स्वर हो जाता है, इसी को सवर्ण दीर्घ स्वर संधि कहते हैँ। जैसे–

अ/आ+अ/आ = आ

दैत्य+अरि = दैत्यारि

राम+अवतार = रामावतार

देह+अंत = देहांत

अद्य+अवधि = अद्यावधि

उत्तम+अंग = उत्तमांग

सूर्य+अस्त = सूर्यास्त

कुश+आसन = कुशासन

धर्म+आत्मा = धर्मात्मा

परम+आत्मा = परमात्मा

कदा+अपि = कदापि

दीक्षा+अंत = दीक्षांत

वर्षा+अंत = वर्षाँत

गदा+आघात = गदाघात

आत्मा+ आनंद = आत्मानंद

जन्म+अन्ध = जन्मान्ध

श्रद्धा+आलु = श्रद्धालु

सभा+अध्याक्ष = सभाध्यक्ष

पुरुष+अर्थ = पुरुषार्थ

हिम+आलय = हिमालय

परम+अर्थ = परमार्थ

स्व+अर्थ = स्वार्थ

स्व+अधीन = स्वाधीन

पर+अधीन = पराधीन

शस्त्र+अस्त्र = शस्त्रास्त्र

परम+अणु = परमाणु

वेद+अन्त = वेदान्त

अधिक+अंश = अधिकांश

गव+गवाक्ष = गवाक्ष

सुषुप्त+अवस्था = सुषुप्तावस्था

अभय+अरण्य = अभयारण्य

विद्या+आलय = विद्यालय

Answered by singhsantosh89961
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Answer:

शोष+अण

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