Political Science, asked by rajusmartraja, 1 month ago

। शांति का आशय स्पष्ट कीजिए।​

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Answered by rorsoni867
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Answer:

वह तोल के देखेगा कि सोना कितना है, क्योंकि उसके लिए वह केवल सोना है। उसी तरह दृष्टि छोटी होने से, नजर छोटी होने से वस्तु भेद होगा। जब तक नजर छोटी है, जब तक वृहत् का आभास नहीं होगा। जब तक दृष्टिगत भेद करेंगे तब तक ऊंच-नीच का भेद करेंगे। मन जब बड़ा हो गया तो साधना के माध्यम से देखेंगे कि एक ही वस्तु मौलिक है। उसी को विभिन्न नाम दे दिए गए है। यही उसकी सीमारेखा है। जैसे सोना की सीमारेखा यह है कि उसे विशेष तरह से काट दिया जाए तो वह हार का रूप ले लेता है। रेखा के आधार पर हम नाम निर्धारण करते हैं। साधक देखेंगे कि हर सत्ता में एक ही तत्व है। मूल वस्तु एक है। मूल वस्तु जब एक है तब एक एक वस्तु से दूसरे वस्तु की ओर मन क्यों दौड़ता है? क्यों किसी से प्रेम है, किसी से द्वेष और किसी से राग है?

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