Art, asked by aniljatav5628, 2 months ago

शांति का आशय स्पष्ट कीजिए ansar please​

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Answered by suryakantpatel4
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Explanation:

शांति मानव जाति की शाश्वत अभिलाषा है। इसे जीवन के श्रेष्ठतम मूल्यों की सूची में रखा जाता है। ‘‘हर कीमत पर शांति‘‘, “सबसे बेकार किस्म की शांति भी सबसे न्यायपूर्ण युद्ध से अच्छी होती है‘‘, ‘‘युद्ध कभी अच्छा नहीं होता न शांति कभी बुरी‘‘। उपर्युक्त उद्धरणों से शांति का महत्व रेखांकित होता है। शांति की नई परिभाषा है युद्ध और तनाव की अनुपस्थिति। शांति दो या अधिक देशों के बीच सौहार्द, सामंजस्य और समझौते के रूप में भी परिभाषित की जाती है। शत्रुता, हिंसा या युद्ध का विलोम है, शांति । शांति युद्ध से मुक्ति की अवस्था है।

मनुष्य के शाश्वत स्वप्न, शांति की स्थापना के लिए बहुत से प्रस्ताव पारित हुए हैं, और योजनाएँ बनी हैं। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए राज्यों के संघ बनाने, लोगों और देशों के बीच संधियों, वैधानिक प्रणालियों में सुधार करने जैसे उपायों पर बहस चलती रही है।

इस संदर्भ में परिवर्तन से शांति की अवधारणा भी बदल जाती है। मध्यकालीन यूरोप में शांति का मतलब था “काफिरों‘‘ के विरुद्ध ईशाइयत वाले राज्यों की एकता स्थापित करना। यह शांति की सांप्रदायिक अवधारणा थी। इस काल में भी कुछ विद्वान ऐसे थे जो वस्तुगत शांति की अवधारणा को ज्यादा वस्तुगत बनाने पर जोर दे रहे थे और इस तरह से यह सार्वभौमिक होती गयी। इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति के दौर में शांति की माँग बढी, क्योंकि इसे पूँजीवादी विकास में सहायक माना जाता था। फ्रांसीसी क्रांति के दिनों में क्रांतिकारियों ने शांति की एक नई अवधारणा प्रस्तुत की। इस नई अवधारणा के अनुसार, विवेक, तर्क और मूलभूत मानवधिकार शांति के घटक हैं। राष्ट्र राज्यों के संघ या अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में मध्यस्थता की व्यवस्था जैसे मुद्दों पर बहस में तेजी आई। देशभक्ति के नाम पर युद्धों के लिए लोगों को लामबंद किया जाता रहा है लेकिन लोग शांति की आवश्यकता के प्रति ज्यादा जागरूक होने लगे हैं। शांति जन सामान्य का सरोकार बन गई।

19वीं शताब्दी में शांति संगठनों एवं आंदोलनों की उपस्थिति तीव्रता से महसूस की जाने लगी। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार शांति संगठनों का गठन हुआ और सम्मेलन आयोजित किए गए। 19वीं शताब्दी में ही मार्क्सवाद और मार्क्सवादी आंदोलनों के चलते शांति आंदोलन को एक नया आयाम मिला। शांति की इस नई अवधारणा के अनुसार शांति की स्थापना सामाजिक परिवर्तन के जरिए ही की जा सकती है। वर्गविहीन समाज में ही शांति की स्थापना संभव है। शांति की अब दो परस्पर विरोधी अवधारणाएँ हैंः पूँजीवादी और मार्क्सवादी।

OR:-

व्यवसाय एवं संगठन के सन्दर्भ में प्रबन्धन (Management) का अर्थ है - उपलब्ध संसाधनों का दक्षतापूर्वक तथा प्रभावपूर्ण तरीके से उपयोग करते हुए लोगों के कार्यों में समन्वय करना ताकि लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके। ... प्रबंध इसलिए आवश्यक है कि व्यक्ति सामूहिक उद्देश्यों की पूर्ति में अपना श्रेष्ठतम योगदान दे सकें।

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please..

Answered by saiyanpiyush
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Answer:

Jeevan mei shanti hona bahut zarrori hota h... Bina shanti or dhairya mann ke logon ka jeevan kathin ho jaata h.... Hara bhara bagh or khule aasmaan ke neeche yogasan krna bhi shant Jeevan ka bahut bada roop h

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