शैतान का हाल भी पढ़ा ही होगा । उसे यह अभिमान हुआ था कि ईश्वर का उससे बढ़कर सच्चा भक्त कोई है ही नहीं । अंत में यह हुआ कि स्वर्ग से नरक में ढकेल दिया गया । शाहेरूम ने भी एक बार अहंकार किया था । भीख माँग-माँगकर मर गया । तुमने तो अभी केवल एक दरजा पास किया है और अभी से तुम्हारा सिर फिर गया, तब तो तुम आगे पढ़ चुके । यह समझ लो कि तुम अपनी मेहनत से नहीं पास हुए, अंधे के हाथ बटेर लग गई । मगर बटेर केवल एक बार हाथ लग सकती है, बार-बार नहीं लग सकती । कभी-कभी गुल्ली-डंडे में भी अंधा-चोट निशाना पड़ जाता है। इससे कोई सफल खिलाड़ी नहीं हो जाता । सफल खिलाड़ी वह है, जिसका कोई निशाना खाली न जाए ।ķ
3)कभी-कभी गुल्ली-डंडे में भी क्या पड़ जाता है ? *
1 point
A) अंधे के हाथ बटेर
B) सिर पर बल
C) अंधा-चोट निशान
D) निशान
4. सफल खिलाड़ी का क्या खाली न जाता ? *
1 point
A) निशाना
B) निशानी
C) वार
D) मार
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3 ) अंधा-चोट
4) निशाना
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