Hindi, asked by ay140028, 1 year ago

शांत रस का उदाहरण दीजिए

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Answered by Darkgirl52
13
इसका स्थायी भाव निर्वेद (उदासीनता) होता है इस रस में तत्व ज्ञान कि प्राप्ति अथवा संसार से वैराग्य होने पर, परमात्मा के वास्तविक रूप का ज्ञान होने पर मन को जो शान्ति मिलती है वहाँ शान्त रस कि उत्पत्ति होती है जहाँ न दुःख होता है, न द्वेष होता है मन सांसारिक कार्यों से मुक्त हो जाता है मनुष्य वैराग्य प्राप्त कर लेता है शान्त रस कहा जाता है


उदाहरण :

Shant Ras ke Udaharan

जब मै था तब हरि नाहिं अब हरि है मै नाहिं
सब अँधियारा मिट गया जब दीपक देख्या माहिं

देखी मैंने आज जरा
हो जावेगी क्या ऐसी मेरी ही यशोधरा
हाय! मिलेगा मिट्टी में वह वर्ण सुवर्ण खरा
सुख जावेगा मेरा उपवन जो है आज हरा

लम्बा मारग दूरि घर विकट पंथ बहुमार
कहौ संतो क्युँ पाइए दुर्लभ हरि दीदार


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akkiraj: hlo
akkiraj: hiii
akkiraj: gunnu
Answered by bhatiamona
4

शांत रस का आसान उदाहरण l  

इसका उदाहरण है जब मनुष्य के मन में आनंद का अभाव हो उसे रस कहते हैं और जब मनुष्य का पूरा ध्यान अध्यात्मिक की और लग जाता है और दुनिया से मोह खत्म होने का भाव उत्पन्न हो जाता है उसके मन को शान्ति प्राप्त होती है उसे शांत रस कहते है |  

जहां पर संसार के प्रति उदासीनता के भाव का वर्णन किया गया हो वहां पर शांत रस होता है| जहाँ पर न दुःख होता है, न ही द्वेष होता है मनुष्य का मन सांसारिक कार्यों से मुक्त हो जाता है, और वो सब छोड़ के शान्ति की और भागता है|

उदाहरण l

बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर. इस  पंक्ति मेंमें शांत रस है|

इन पंक्ति में लिखा है खजूर के पेड़ कि तरह सिर्फ बड़े होने से कुछ नहीं होता.

खजूर का पेड़, जो इतना बड़ा होता है यह किसी को धूप के समय के समय छाया नहीं दे सकता | खजूर का पेड़ से आसानी से फल तोड़ के अपनी भूख भी नहीं मिटा सकता है |

बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर.

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https://brainly.in/question/2811979

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