*शॉटकी दोष वाले क्रिस्टल की प्रकृति क्या होती है?* 1️⃣ विद्युत ऋणात्मक 2️⃣ विद्युत धनात्मक 3️⃣ विद्युत उदासीन 4️⃣ इलेक्ट्रॉनों की प्रकृति पर निर्भर करता है
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विद्युत्-ऋणात्मकता (Electronegativity) किसी परमाणु का एक रासायनिक गुण है जो दर्शाता है कि वह परणाणु किसी सहसंयोजी आबंध में एलेक्ट्रॉनों को आकर्षित करने में कितना सक्षम है। कभी-कभार प्रकार्यात्मक समूह (फंशनल ग्रुप) के विद्युत-ऋणात्मकता की भी बात की जाती है। इसे प्रतीक χ द्वारा प्रदर्शित करते हैं। इसे लाइनस पाउलिंग (Linus Pauling) ने सन् 1932 में सहसंयोजी आबंध सिद्धान्त के विकास में प्रयुक्त किया था। यह प्रदर्शित हो चुका है कि विद्युत-ऋणात्मकता अनेको अन्य रासायनिक गुणों के साथ सहसम्बन्धित है। विद्युत-ऋणात्मकता का सीधे मापन सम्भव नहीं है। यह अन्य परमाणविक या आणविक गुणो से गणना करके निकाली जाती है। अथवा बंध के इलैक्ट्रोन युग्म को किसी एक परमाणु द्वारा दूसरे परमाणु के सापेक्ष अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता को विघुत ऋणता कहते है
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क्रिस्टलों में शॉट्की दोष तब प्रेक्षित होता है जब_ ____। (i) कुछ धनायन अपने जालक स्थानों से निकलकर अन्तराकाशी स्थानों में अध्यासित हो जाते हैं। (ii) जालक से समान संख्या में धनायन एवं ऋणायन अनुपस्थित होते हैं। (iii) कुछ जालक स्थल इलेक्ट्रॉनों द्वारा अध्यासित होते हैं।