शीतयुद्ध की उत्पत्ति के प्रमुख कारणों का विस्तारपूर्वक वर्णन करें?
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Explanation:
बर्लिन संकट, कोरिया युद्ध, सोवियत रूस द्वारा आणविक परीक्षण, सैनिक संगठन, हिन्द चीन की समस्या, यू-2 विमान काण्ड, क्यूबा मिसाइल संकट कुछ ऐसी परिस्थितियाँ थीं जिन्होंने शीतयुद्ध की अग्नि को प्रज्वलित किया। ... सन् 1991 में सोवियत रूस के विघटन से उसकी शक्ति कम हो गयी और शीतयुद्ध की समाप्ति हो गयी।
Answer:
1) सोवियत संघ द्वारा याल्टा समझौते का पालन न किया जाना
याल्टा सम्मेलन 1945 में रूजवेल्ट, चर्चिल और स्टालिन के बीच में हुआ था, इस सम्मेलन में पोलैंड में प्रतिनिधि शासन व्यवस्था को मान्यता देने की बात पर सहमति हुई थी। लेकिन युद्ध की समाप्ति के समय स्टालिन ने वायदे से मुकरते हुए वहां पर अपनी लुबनिन सरकार को ही सहायता देना शुरू कर दिया। उसने वहां पर अमेरिका तथा ब्रिटेन के पर्यवेक्षकों को प्रवेश की अनुमति देने से इंकार कर दिया और पोलैंड की जनवादी नेताओं को गिरफ्तार करना आरम्भ कर दिया। उसने समझौते की शर्तों के विपरीत हंगरी, रोमानिया, चेकोस्लोवाकिया तथा बुल्गारिया में भी अपना प्रभाव बढ़ाना शुरू कर दिया, उसने धुरी शक्तियों के विरुद्ध पश्चिमी राष्ट्रों की मदद करने में भी हिचकिचाहट दिखाई। उसने चीन के साम्यवादी दल को भी अप्रत्यक्ष रूप से सहायता पहुंचाने का प्रयास किया। उसने मंचूरिया संकट के समय अपना समझौता विरोधी रुख प्रकट किया। इस तरह याल्टा समझौते के विपरीत कार्य करके सोवियत संघ ने आपसी अविश्वास व वैमनस्य की भावना को ही जन्म दिया जो आगे चलकर शीत युद्ध का आधार बनी।
2 )सोवियत संघ और अमेरिका के वैचारिक मतभेद संपादित करे
युद्ध के समय ही इन दोनों महाशक्तियों में वैचारिक मतभेद उभरने लगे थे। सोवियत संघ, साम्यवाद को बढ़ावा देना चाहता था जबकि अमेरिका पूंजीवाद का प्रबल समर्थक था। सोवियत संघ ने समाजवादी आन्दोलनों को बढ़ावा देने की जो नीति अपनाई उसने अमेरिका के मन में अविश्वास की भावना को जन्म दे दिया। सोवियत संघ ने अपनी इस नीति को न्यायपूर्ण और आवश्यक बताया। इससे पूंजीवाद को गहरा आघात पहुंचाया और अनेक पूंजीवादी राष्ट्र अमेरिका के पक्ष में होकर सोवियत संघ की समाजवादी नीतियों की निंदा करने लगे। इस प्रकार पूंजीवाद बनाम समाजवादी विचारधारा में तालमेल के अभाव के कारण दोनों महाशक्तियों के बीच शीतयुद्ध का जन्म हुआ।