Sociology, asked by Sindhudevi6702, 1 year ago

शुद्धि आंदोलन क्या था? विस्तार से बताइये।

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Answered by kunalsingh77
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स्वामी दयानन्द सरस्वती जी ने धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों को पुन: हिंदू बनने की प्रेरणा देकर शुद्धि आंदोलन चलाया था। इस आंदोलन के तहत लाखों मुसलमानों तथा ईसाइयों की शुद्धि कराकर सत्य सनातन वैदिक धर्म में वापसी कराई थी।आर्य समाज एक हिन्दू सुधार आंदोलन है जिसकी स्थापना स्वामी दयानन्द सरस्वती ने 1875 में बॉम्बे में मथुरा के स्वामी विरजानन्द की प्रेरणा से की थी। यह आंदोलन पाश्चात्य प्रभावों की प्रतिक्रिया स्वरूप हिन्दू धर्म में सुधार के लिए प्रारंभ हुआ था। आर्य समाज में शुद्ध वैदिक परंपरा में विश्वास करते थे तथा मूर्ती पूजा, अवतारवाद, बल, झूठे कर्मकाण्ड व अंधविश्वासों को अस्वीकार करते थे। इसमें छूआछूत व जातिगत भेदभाव का विरोध किया तथा स्त्रियों व शूद्रों को भी यज्ञोपवीत धारण करने व वेद पढ़ने का अधिकार दिया था। स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा रचित सत्यार्थ प्रकाश नामक ग्रन्थ आर्य समाज का मूल ग्रन्थ है। आर्य समाज का आदर्श वाक्य है: कृण्वन्तो विश्वमार्यम्, जिसका अर्थ है - विश्व को आर्य बनाते चलो।

प्रसिद्ध आर्य समाजी जनों में स्वामी दयानन्द सरस्वती, स्वामी श्रद्धानन्द, महात्मा हंसराज, लाला लाजपत राय, भाई परमानंद, पंडित गुरुदत्त, स्वामी आनन्दबोध, पंडित वन्देमातरम रामचन्द्र राव आदि आते हैं।

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