शुद्ध और पूर्ण प्रतियोगिता के बीच अंतर
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बाज़ार ऐसी जगह को कहते हैं जहाँ पर किसी भी चीज़ का व्यापार होता है। आम बाज़ार और ख़ास चीज़ों के बाज़ार दोनों तरह के बाज़ार अस्तित्व में हैं। बाज़ार में बेचने वाले एक जगह पर होतें हैं ताकि जो उन चीज़ों को खरीदना चाहें वे उन्हें आसानी से ढूँढ सकें। बाजार जहां पर वस्तुओं और सेवाओं का क्रय व विक्रय होता है उसे बाजार कहते हैं। बाजार के अलग – अलग प्रकार है, यहाँ हम बाजार के दो प्रकार के बीच में अंतर बताने जा रहे है। अँग्रेजी में पूर्ण प्रतियोगिता (Purn Pratiyogita) को परफेक्ट कंपटीशन (Perfect Competition) और अपूर्ण प्रतियोगिता को इम्परफेक्ट कंपटीशन (Imperfect Competition) कहते है यह भी पढ़ें : शेयर मार्केट में लिस्टेड कंपनी फ़र्जी है या वैध, इसे जानें| पूर्ण प्रतियोगिता - (Perfect Competition) परफेक्ट कंपटीशन यह एक बहुत ही अच्छा बाजार है। यहाँ सभी एक विक्रेताओं को दूसरे विक्रेताओं के मुक़ाबले कोई विशिष्ट लाभ नहीं होता है क्योंकि वो समान मूल्यों पर एक समान उत्पाद बेचते है। यहाँ कई खरीदार और विक्रेता होते है। इस बाजार में स्पर्धा बहुत कम होती है और क्योंकि खरीदार के पास दूसरे विक्रेता के पास जाने का विकल्प होता है। विक्रेता को प्रवेश के लिए बहुत कम बाधाएं होती हैं; कोई भी विक्रेता बाजार में प्रवेश कर सकता है और उत्पाद बेचना शुरू कर सकता है। अपूर्ण प्रतियोगिता - (Imperfect Competition) इम्परफेक्ट कंपटीशन यह भी बाजार का एक प्रकार है। इस बाजार में प्रतिस्पर्धा की स्थिति संतुष्ट नहीं होती है। इस बाजार में एकाधिकार और अल्पज्ञानी, जैसी प्रतियोगिता शामिल होती है। अल्पज्ञानी बाजार (स्माल मार्केट)…