शुद्ध-उत्तराणां चयनं कुर्वन्तु :-"शिष्यः तत्र गत्वा अकथयत्। " अत्र अव्ययपदं किम् अस्ति ?चयनं कुर्वन्तु। * 1 point शिष्यः तत्र गत्वा
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"शिष्यः तत्र गत्वा अकथयत्। " अत्र अव्ययपदं किम् अस्ति ? चयनं कुर्वन्तु।
‘शिष्यः तत्र गत्वा अकथयत्’ अत्र अव्ययपदं अस्ति...
अव्ययपदं : तत्र
अव्ययपंद भेद : स्थानवाचक क्रिया-विशेषण अव्यय पदं
‘शिष्यः तत्र गत्वा अकथयत्’ अत्र अव्ययपदं ‘तत्र’ अस्ति...
व्याख्या :
संस्कृत और हिंदी भाषा में अव्यय पद उन पदों को कहते हैं, जिनमें लिंग, वचन एवं कार्य की दृष्टि से कोई परिवर्तन नहीं होता है। ऐसे पद अविकारी पद होते हैं।
अव्यय पद के पाँच भेद होते हैं...
- क्रियाविशेषण अव्यय
- संबंधबोधक अव्यय
- समुच्चय बोधक अव्यय
- विस्मयादिबोधक अव्यय
- निपात अव्यय
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