'शादी विवाह एक बिजनेस' इस
सन्दर्भ में अपने विचार
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गोपाल प्रसाद विवाह को बिज़नेस मानते हैं। बिजनेस का अर्थ होता है व्यापार । व्यापार में निर्जीव वस्तुओं को खरीदा और बेचा जाता है। विवाह में किसी निर्जीव वस्तु का खरीदना और बेचना नहीं होता है।अतः उनके द्वारा विवाह जैसे पवित्र बंधन को बिज़नेस कहना बिल्कुल गलत है।
दूसरी और रामस्वरूप गोपाल प्रसाद के पुत्र के साथ अपनी बेटी उमा का रिश्ता जोड़ने के लिए अपनी बेटी की शिक्षा को छुपाते हैं। गोपाल प्रसाद अपने बेटे के लिए कम पढ़ी-लिखी लड़की चाहते हैं इसलिए रामस्वरूप अपनी बेटी की शिक्षा मैट्रिक तक बताकर जैसे-तैसे इस रिश्ते को जोड़ने की कोशिश करते हैं। रामस्वरूप द्वारा अपनी बेटी की पसंद और नापसंद का ख्याल रखना और जबरदस्ती उसका विवाह करना भी ठीक नहीं है। अतः गोपाल प्रसाद और रामस्वरूप दोनों ही समान रूप से अपराधी है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
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