India Languages, asked by Anonymous, 4 months ago

श्वः कार्यमद्य कुर्वीत पूर्वाह्ने चापराह्निकम्
नहि प्रतीक्षते मृत्युः कृतमस्य न वा कृतम् ।
translate in hindi ​

Answers

Answered by MysticCharm
7

Qᴜᴇꜱᴛɪᴏɴ :

श्वः कार्यमद्य कुर्वीत पूर्वाह्ने चापराह्निकम्

नहि प्रतीक्षते मृत्युः कृतमस्य न वा कृतम् ।

ᴀɴꜱᴡᴇʀ :

जिसका अर्थ यूं दिया जा सकता है: “जो कार्य कल किया जाना है उसे पुरुष आज ही संपन्न कर ले, और जो अपराह्न में किया जाना हो उसे पूर्वाह्न में पूरा कर ले, क्योंकि मृत्यु किसी के लिए प्रतीक्षा नहीं करती है, भले ही कार्य संपन्न कर लिया गया हो या नहीं ।” अर्थात् मृत्यु कब आ जायेगी इसका पूर्वानुमान कोई नहीं कर सकता है । कार्य संपन्न हो चुका कि नहीं इस बात का इंतजार वह नहीं करने वाली । अतः अविलंब अपने कर्तव्य पूरे कर लेने चाहिये ।

यहां उपदेष्टा का इशारा सत्कर्मों से रहा है । भारतीय मान्यता रही है कि जीवात्मा अमर है और अपने इहलोक के कर्मों के फल अन्य लोकों अथवा अन्य जन्मों में भोगने को विवश है । अतः सत्कर्मों के निष्पादन में विलंब न करने की सलाह नीतिवचन देते हैं । अन्य समाजों में भी स्वर्ग-नरक की अवधारणा तथा कर्मफलों की महत्ता किंचित् भेद के साथ स्वीकारी गयी है ।

Hope it helps uhh !!

Answered by priyakumariyadav9163
4

Answer:

hope it helps to u

please mark me brainliest and thank my all answers ❤️☺️

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