श्याम श्यामा पांडेय गजानन सोसायटी तिलक नगर कोल्हापुर से अपने मित्र सहेली अमित शर्मा 10:37 मीरा सोसायटी प्रथम पुरस्कार प्राप्त होने के उपलक्ष मे बधाई देते हुए पत्र लिखता लिखती है
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278 आगरा
वैसे मैं जानती थी कि आप वास्तव में बहुत प्रतिभावान हैं किन्तु मेरे जानने से क्या होता हैं क्योंकि मैं तो मित्र हूं और मित्र की प्रशंसा का कोई अर्थ नहीं होता। प्रशंसा तो शत्रु भी करें या कोई और करें, तब उसका महत्त्व होता हैं। आज सभी आपकी प्रशंसा कर रहे हैं। आपने यह प्रतियोगिता जीतकर वास्तव में हमें गौरवान्वित किया हैं।
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