Hindi, asked by pankajsingh48943, 8 months ago

शायरा की गति के ग्राफ से बताइए कि​

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Answered by Anonymous
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Explanation:

लाइनों का नामकरण - लेख में हमारी चर्चा का विषय थीं लाइनें - सीधी सपाट लाइनें। उस लेख में हमने लाइनों को एक-दूसरे से अलग-अलग पहचानने के ग्राफ-आधारित एक तरीके पर बात की थी। साथ ही यह भी देखा था कि एक ग्राफ पर दो अक्षों के सापेक्ष खींची गई एक लाइन का इस्तेमाल हम उन दो अक्षों को दर्शाती राशियों के बीच के सरल-रेखीय सम्बन्ध को दर्शाने के लिए भी करते हैं।

इस लेख में हम गति से जुड़े ग्राफ व उनमें खींची लाइनों पर बात करेंगे। हम देखेंगे कि ये लाइनें क्या दर्शाती हैं और क्या नहीं, और कोशिश करेंगे गति के समीकरणों को इन लाइनों के ज़रिए समझने की।

दूरी-समय ग्राफ

तो आइए शुरुआत करते हैं - एक दूरी-समय ग्राफ व उसमें खींची दो लाइनों से (चित्र-1) और देखते हैं कि इस ग्राफ से हम क्या जान सकते हैं। सबसे पहले हम देखते हैं कि दूरी-समय ग्राफ के मामले में हमने अक्ष-y पर दूरी व अक्ष- x पर समय को दर्शाया है। समय को घण्टों व दूरी को किलोमीटर में लिया गया है।1

अगली बात जो इस ग्राफ में दिखाई देती है वो यह कि इसमें लाइन L1 व L2 के माध्यम से दो अलग-अलग गतियों को दर्शाया गया है। अब ये गतियाँ एक ही वस्तु की दो अलग-अलग दिनों की गति है (जैसे किसी धावक के दो अलग-अलग दिनों की प्रैक्टिस का रिकॉर्ड या एक ही बस की दो अलग-अलग दिनों की गति) या दो अलग-अलग वस्तुओं की एक ही समय पर गतियाँ (जैसे कि दो धावकों की एक दौड़ प्रतियोगिता, या एक ही समय पर दो बसों का बस-स्टाप से छूटना), इसके बारे में अकेले ग्राफ को देखकर तो कुछ भी पता नहीं चलता। एक और बात जो इस ग्राफ से हमें नहीं पता चलती है वो यह कि ये गतियाँ किस दिशा में या किस पथ पर हुई हैं। उदाहरण के तौर पर अगर हम यह मान लें कि यह ग्राफ दो धावकों की एक मैराथॉन दौड़ से जुड़ा हुआ है तो इस ग्राफ को देखकर हम यह नहीं बता सकते कि धावक किसी स्टेडियम के अन्दर ही गोल-गोल चक्कर लगा रहे थे या फिर खुली सड़क पर दौड़ रहे थे।

यह तो रही बात कि यह ग्राफ हमें क्या नहीं बतलाता। अब ज़रा देख लें कि यह ग्राफ हमें बतलाता क्या है। हम ग्राफ पर खींची हर एक लाइन के लिए Y-अन्त:-खण्ड व ढलान निकाल सकते हैं। Y-अन्त:-खण्ड का मान निकालने के लिए हमें यह देखना होता है कि लाइन अक्ष-Y को किस बिन्दु पर काट रही है। चित्र-1 के मामले में दोनों लाइनें दूरी के अक्ष को एक ही बिन्दु (0, 20) पर काट रही हैं, इसलिए इन दोनों के लिए y-अन्त:-खण्ड का मान होगा c1 = c2 = 20। इसी तरह ढलान निकालने के लिए हमें बारी-बारी से दोनों लाइनों पर कोई भी दो बिन्दु (t1, d1) व (t2, d2) लेने होंगे और समीकरण 1 में दिखलाया गया अनुपात निकालना होगा:

अगर लाइन L1 के लिए हम दो बिन्दु (0, 20) व (2, 40) लें तो ढलान मिलेगी:

इसी तरह लाइन L2 के लिए मिलने वाली ढलान होगी m2 = 5 km/h.

एक जायज़ सवाल उठता है कि दूरी-समय ग्राफ की लाइनों की ढलान ‘m’ व अन्त:-खण्ड ‘c’ किन भौतिक राशियों को दर्शाते हैं। आइए देखते हैं।

c व m के मायने

क्या हैं दूरी-समय ग्राफ में लाइनों के y-अन्त:-खण्ड व ढलान के मायने?

ध्यान दीजिए कि y-अन्त:-खण्ड हमने उस बिन्दु के सापेक्ष लिया है जिसके लिए समय का मान शून्य है। समय के शून्य होने का मतलब उस क्षण से हुआ जिस पर हमने वस्तु की गति का अध्ययन शुरूकिया। यह बतलाता है कि उस क्षण पर सन्दर्भ बिन्दु के सापेक्ष वस्तु की स्थिति क्या थी या वस्तु कितनी दूरी तय कर चुकी थी।3 चित्र-1 में दर्शाए गए दूरी-समय ग्राफ के सन्दर्भ में हम कह सकते हैं कि जब हमने उन वस्तुओं का अध्ययन शुरु किया जिन्हें लाइन L1 व L2 से दर्शाया गया है, उस क्षण पर दोनों ही वस्तुएँ सन्दर्भ बिन्दु से 20 km की दूरी पर थीं या दोनों ही वस्तुएँ उस क्षण तक सन्दर्भ बिन्दु से 20 km की दूरी तय कर चुकी थीं। इस बिन्दु पर कुछ देर ठहरकर ज़रा यह सोचिए कि क्या हम दोनों वस्तुओं की एक-दूसरे के सापेक्ष दूरी के बारे में कुछ कह सकते हैं? इस सवाल का जवाब होगा - नहीं। चित्र-2 में ऐसी दो स्थितियाँ दिखलाई गई हैं जिनमें वस्तुओं की सन्दर्भ बिन्दु से दूरी एक बराबर होने के बावजूद, वस्तुओं के बीच की दूरी अलग-अलग होगी। ज़ाहिर तौर पर ऐसी अनगिनत स्थितियाँ हो सकती हैं। क्या आप इस तर्क से सहमत हैं?

अब आते हैं ढलान पर। पिछले लेख में हमने देखा था कि एक ग्राफ पर खींची किसी लाइन की ढलान एक नियत राशि होती है व अक्ष-x की राशि के साथ अक्ष-y की राशि में होने वाले परिवर्तन की दर को दर्शाती है। इस तरह देखें तो एक दूरी-समय ग्राफ में एक लाइन की ढलान समय के साथ-साथ वस्तु के द्वारा तय की गई दूरी की दर को दर्शाएगी। आम बोलचाल की भाषा में इस दर को ही किसी वस्तु की स्पीड, रफ्तार या चाल कहते हैं। दूरी-समय ग्राफ पर किसी लाइन की ढलान जितनी ज़्यादा होगी, वस्तु की रफ्तार उतनी ही तेज़ होगी। समीकरण (1) से हम देख सकते हैं कि इस दर की इकाई होगी दूरी प्रति इकाई समय। अगर दूरी किलोमीटर व समय घण्टों में लिया जाए तो स्पीड की इकाई होगी किलोमीटर प्रति घण्टा। चित्र-1 के मामले में लाइन L1 के द्वारा दर्शाई गई वस्तु की चाल है 10 कि.मी. प्रति घण्टा (km/h) व लाइन L2 के लिए 5 कि.मी. प्रति घण्टा। क्यूँकि वस्तु की चाल समय के साथ नहीं बदल रही इसलिए इसे एकरूप चाल (constant speed) कहते हैं (देखें बॉक्स-1)।

आम तौर पर हम जब किसी वस्तु की रफ्तार की बात करते हैं तो सिर्फ उसके मान की ही बात करते हैं जैसे कि फलाँ गाड़ी 60 कि.मी. प्रति घण्टा की रफ्तार से चल रही है। लेकिन हमेशा बस इतना ही बता देना तो काफी नहीं होता। अक्सर ही वस्तु की चाल के साथ-साथ उसकी चाल की दिशा भी बतलाना ज़रूरी होता है - वरना दाँतों के साथ-साथ हड्डियाँ भी टूट सकती हैं।

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