शब्द किसे कहते हैं? शब्द को किन आधारों पर विभाजित किया गया है? संक्षेप में लिखिए।
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जैसे - कमल, कलम, हिमालय, ईश्वर ये सभी सार्थक शब्द हैं जिसका कोई मतलब है।
अब कलम को तोड़कर क, ल, म अलग- अलग लिखें तो एक वर्ण का कुछ भी मतलब नहीं रह जाएगा।
शब्द भेद - शब्द को अलग-अलग आधार बनाकर अंतर रखा गया है। आइए देखते हैं कि किन आधारों पर शब्द भेद किया जाता है।
बनावट या व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द भेद।
उत्पत्ति के आधार पर शब्द भेद।
प्रयोग के आधार पर शब्द भेद।
अर्थ के आधार पर शब्द भेद।
हम अलग-अलग शब्द भेद के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
1 ) व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द भेद : - इसमें तीन प्रकार के शब्द आते हैं।
रूढ : जो शब्द किसी अन्य शब्दों के मेल से न बने हों और किसी विशेष अर्थ को बताते हों तथा जिनके टुकड़ों का कोई अर्थ न हो, वो रूढ़ शब्द कहलाते हैं।
जैसे:-
कल, हम।
'कल' के टुकड़े करने पर क, ल शब्द का कोई अर्थ नहीं रह जाता है।
यौगिक : जो शब्द कई सार्थक शब्दों के मेल से बने हों वो यौगिक शब्द कहलाते हैं।
जैसे :
देवालय = देव + आलय,
हिमालय = हिम + आलय।
उपर्युक्त शब्द सार्थक शब्दों के मेल से बने हैं।
'देवालय' का उदाहरण दें, तो देव का मतलब ईश्वर और आलय का मतलब स्थान से है। दोनों को मिलाकर बनता है देवालय, जिसका अर्थ है; ईश्वर का स्थल।
योगरूढ : वे शब्द जो यौगिक हैं, लेकिन वो सामान्य अर्थ को न बताकर अलग अर्थ को बताते हों।
जैसे :
पंकज या दशानन।
जिसमें पंकज को कमल और दशानन को रावण के नाम से जाना जाता है।
2) उत्पत्ति के आधार पर शब्द भेद: - उत्पत्ति के आधार पर शब्द के चार भेद हैं।
तत्सम : जो शब्द संस्कृत भाषा से बिना किसी परिवर्तन के लिए गए हैं, वो तत्सम शब्द कहलाते हैं। जैसे: अग्नि, रात्रि, सूर्य, क्षेत्र वायु आदि।
तद्भव : जो शब्द रूप बदलने के बाद संस्कृत से हिन्दी भाषा में आए हैं, वो तद्भव कहलाते हैं। आग (अग्नि), खेत (क्षेत्र), रात (रात्रि), सूरज(सूर्य) आदि।
देशज : जो शब्द क्षेत्रीय भाषा के प्रभाव के कारण प्रचलित हो गए हैं,वो देशज शब्द कहलाते हैं। जैसे:- पगड़ी, गाड़ी, थैला, खटखटाना आदि।
विदेशज : विदेशी भाषा के संपर्क से उनके बहुत से शब्द हिन्दी में प्रयुक्त होने लगे हैं, वो विदेशज शब्द कहलाने लगे हैं।
जैसे :
अंग्रेजी शब्द :- कॉलेज, रेडियो, टेलीविजन, मशीन, सिगरेट आदि।
फारसी : अनार, चश्मा, दुकान, नमक, दरबार, बरफ, रूमाल, आदमी, चापलूसी आदि।
अरबी :- औलाद, अमीर, कत्ल, कानून, फकीर, माालिक आदि।
तुर्की :- कैंची, चाकू, तोप, बारूद, दरोगा, बहादुर आदि।
पुर्तगाली:- अचार, आलपिन, कारतूस, गमला, चाभी, तिजोरी, तौलिया, फीता, साबुन आदि।
फ्रांसीसी:- पुलिस, कार्टून, इंजीनियर, कर्फ्यू, बिगुल आदि।
चीनी:- तूफान, लीची, चाय, पटाखा आदि।
यूनानी:- टेलीफोन, टेलीग्राफ, ऐटम, डेल्टा आदि।
जापानी:- रिक्शा
3) प्रयोग के आधार पर शब्द भेद : - प्रयोग के आधार पर शब्द के आठ भेद हैं।
संज्ञा
सर्वनाम
विशेषण
क्रिया
क्रिया विशेषण
संबंधबोधक
समुच्चयबोधक
विस्मयादिबोधक
इन आठ प्रकार के शब्दों को भी विकार की दृष्टि से दो भागों में बाँटा गया है।
विकारी शब्द - जिन शब्दों का रूप परिवर्तन होता है, वो विकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे - मैं, मुझे, हमें, अच्छा, अच्छी, अच्छे, खाता है, खेलती है, खेलते हैं आदि। इसमें संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के विकारी शब्द आते हैं।
अविकारी शब्द - जिन शब्द के रूप में कोई परिवर्तन नहीं होता है, वो अविकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे - यहाँ, अरे, किन्तु, और, हे आदि। इसके अंतर्गत क्रिया विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विसमयादिबोधक शब्द आते हैं, जिन शब्दों का उदाहरण दिया गया है।
4 ) अर्थ के आधार पर शब्द भेद :- अर्थ के आधार पर शब्द के दो भेद हैं।
सार्थक शब्द :- जिन शब्दों का कुछ न कुछ अर्थ हो, वो सार्थक शब्द कहलाते हैं। जैसे : आम, रोटी, ममता, पानी, आरती आदि। इन सारे शब्दों का एक या एक से अधिक अर्थ है। आम, रोटी ये खाने की चीजें हैं। ममता माँ के प्यार से जुड़ा है। उसी तरह पानी पीने के काम आता है।
निरर्थक शब्द :- जिन शब्दों का कोई अर्थ न हो वो निरर्थक शब्द कहलाते हैं। कई बार कुछ शब्दों को हम बोलने में प्रयोग में लाते हैं लेकिन उसका कोई अर्थ नहीं होता है तो वे निरर्थक शब्द हो जाते हैं। जैसे: पानी- वानी, डंडा- वंडा, रोटी- वोटी या ऐसे ही शब्द। इन शब्दों में रोटी का मतलब खाने से है लेकिन साथ बोला गया वोटी शब्द निरर्थक है,क्योंकि उसका कुछ अर्थ नहीं है। km
Answer:
plzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzzz you ________ me
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