शब्दों के योग से बनने वाले शब्द क्या कहलाते हैं योगरूढ़ योगिक और रूट
Answers
Answer: ऐसे शब्द जो किन्हीं दो शब्दों के मेल से बने हों और बनने पर एक विशेष अर्थ का बोध कराते हों, वे शब्द संयुक्त शब्द कहलाते हैं।
Explanation:
अथवा- ऐसे यौगिक शब्द, जो सामान्य अर्थ को छोड़कर विशेष अर्थ ग्रहण करते हैं, 'योगरुद्ध' कहलाते हैं।
दूसरे शब्दों में - योग+रूध अर्थात् योग से बने शब्द रूढ़ (परंपरा) हो गए।
मूढ़वाचक शब्द :- ऐसे शब्द जिनका स्वतंत्र रूप से अस्तित्व होता है और जिनका विभाजन करने पर कोई सार्थक अर्थ नहीं निकलता है। ये शब्द किसी अन्य शब्द या शब्द खण्ड के योग से नहीं बने हैं। ये शब्द सदैव स्वतंत्र रहते हैं और जड़ शब्द कहलाते हैं।
मिश्र शब्द:- हिन्दी के वे शब्द जो दो शब्दों या शब्द खण्डों को जोड़कर बने हैं। उनके पृथक्-पृथक् खण्डों का भी अपना-अपना अर्थ होता है, परन्तु वे आपस में जुड़कर अर्थ बदल देते हैं या अर्थ का मान बढ़ा देते हैं। यौगिक शब्द प्राय: मूल शब्दों के आदि (शुरुआत) या अंत के अक्षरों को जोड़कर बनते हैं। यौगिक का अर्थ है जुड़ा हुआ। जब किसी मूल शब्द में सार्थक शब्द या शब्द खण्ड (उपसर्ग और प्रत्यय) जुड़ते हैं तो वह यौगिक शब्द बन जाता है।
योगरूढ़ शब्द :- ऐसे शब्द जो बनावट में मिश्रित होते हुए भी किसी विशिष्ट या रूढिबद्ध अर्थ के लिए प्रयुक्त होते हैं, योगरूढ़ शब्द कहलाते हैं।
यौगिक शब्द दो या दो से अधिक घटकों (शब्दों या शब्द अंशों) से बनते हैं। ये शब्द एक विशेष अर्थ के वाचक हैं। 'योगरुद्ध' का अर्थ इस प्रकार भी हो सकता है - योग+रूढ़। योग का अर्थ एक से अधिक तत्वों (यौगिक के समान) से बना होना है जबकि जड़ का अर्थ एक विशिष्ट अर्थ का अर्थ है। इस प्रकार देखा जाए तो योगरूढ़ शब्द 'यौगिक' और 'रूध' दोनों है।
उदाहरण :- पंकज, वारिद (बादल), गजानन दशानन, चंद्रशेखर, नीरज, लंबोदर, चारपाई आदि।
उपरोक्त शब्दों में यदि प्रथम शब्द 'पंकज' को लें तो 'पंक' का अर्थ 'कीचड़' तथा 'अज' का अर्थ जन्म लेने वाला होता है। तो हम कह सकते हैं कि यह मिट्टी में पैदा हुआ था लेकिन कीचड़ में अक्सर 'कमल' खिलता है अर्थात 'कमल' पैदा होता है, इसलिए इसका अर्थ 'कमल' होता है।
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