शब्द कब तक शब्द ही रहता है, पद नहीं कहलाता? शब्द तथा पद के एक - एक उदाहरण दीजिए
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Answer:
hey here is your answer
जब तक वाक्य में शब्द का इस्तेमाल नहीं करते तब तक शब्द, शब्द ही रहता है, पद नहीं कहलाता।
उदाहरण- श्याम- शब्द
श्याम विद्यालय जा रहा है|
यहां पर श्याम वाक्य में प्रयोग होने की वजह से पद है।
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शब्द का स्वतंत्र रूप में शब्द तब तक बना रहता है, जब तक उसे किसी वाक्य में प्रयोग नही किया जाता। किसी वाक्य में प्रयुक्त होते है, वो शब्द एक पद बन जाता है, और उस पर व्याकरणीय नियम लागू होते हैं।
जैसे
‘राम’ एक स्वतंत्र शब्द है, जो किसी व्यक्ति का नाम हो सकता है।
अब राम को एक वाक्य के साथ जोड़ देते हैं...
राम बाग में खेल रहा है।
यहाँ पर ‘राम’ शब्द एक पद बन गया। अब इस पद-परिचय होगा, जो वाक्य में प्रयुक्त अन्य शब्दों के आधार पर इस प्रकार होगा..
राम – संज्ञा (व्यक्तिवाचक संज्ञा), पुलिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘खेल रहा है’ क्रिया का कर्ता।
Explanation
व्याकरणीय नियमों के अनुसार शब्द व पद में अंतर...
शब्द : एक से अधिक वर्णों से बने समूह को शब्द कहते हैं। शब्द का अपना एक स्वतंत्र अर्थ होता है। शब्द का लिंग, वचन या कारक से कोई संबंध नही होता। शब्द सार्थक भी हो सकते हैं और निरर्थक भी हो सकते हैं। शब्द का केवल उसके अर्थ के रूप में परिचय होता है।
पद : जब किसी शब्द को वाक्य में प्रयुक्त किया जाता है तो वो पद में बदल जाता है, इस पर व्याकरणीय नियम लागू हो जाते हैं, और उस पद का एक व्याकरणीय परिचय हो जाता है। पद का लिंग, वचन और कारक से संबंध होता है। पद निरर्थक नही होते और उनका एक व्याकरणीय अर्थ होता है। पद का परिचय व्याकरण के नियम के रूप में होता है।