शब्द शुद्धि क्या है? अशुद्धियों के कारणों का उल्लेख कीजिए।
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Explanation:
भाषा विचारों की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है और शब्द भाषा की सबसे छोटी सार्थक इकाई है। भाषा के माध्यम से ही मानव मौखिक एवं लिखित रूपों में अपने विचारों को अभिव्यक्त करता है। इस वैचारिक अभिव्यक्ति के लिए शब्दों का शुद्ध प्रयोग आवश्यक है। अन्यथा अर्थ का अनर्थ होने में भी देर नहीं लगती। कई बार क्षेत्रीयता, उच्चारण भेद और व्याकरणिक ज्ञान के अभाव के कारण वर्तनी संबंधी अशुद्धियाँ हो जाती हैं।
वर्तनी संबंधी अशुद्धियों के कई कारण हो सकते हैं जिसमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित है –
1. मात्रा प्रयोग –
हिन्दी के कई शब्द ऐसे हैं जिनको लिखते समय मात्रा के प्रयोग विषयक संशय उत्पन्न हो जाता है। ऐसे शब्दों का ठीक से उच्चारण करने पर उचित मात्रा प्रयोग किया जाना संभव होता है।
जैसे –
अशुद्ध शुद्ध
अतिथी अतिथि
इंदोर इंदौर
उर्जा ऊर्जा
ऊषा उषा
करूणा करुणा
2. आगम –
शब्दों के प्रयोग में अज्ञानवश या भूलवश जब अनावश्यक वर्णों का प्रयोग किया जाए तो उसे आगम कहते हैं। आगम स्वर व व्यंजन दोनों का हो सकता है। अतिरिक्त रूप से प्रयुक्त इन वर्णों को हटाकर शब्दों का शुद्ध प्रयोग किया जा सकता है।
स्वर का आगम –
जैसे –
अशुद्ध शुद्ध
अत्याधिक अत्यधिक
अहोरात्रि अहोरात्र
पहिला पहला
प्रदर्शिनी प्रदर्शनी
द्वारिका द्वारका
अहिल्या अहल्या
3. लोप –
शब्दों के प्रयोग में जब किसी आवश्यक वर्ण (स्वर या व्यंजन) का प्रयोग होने से रह जाए तो वह लोप कहलाता है। इस आधार पर भी शब्दों के सही प्रयोग करने हेतु आवश्यक स्वर या व्यंजन जोङकर त्रुटि रहित प्रयोग किया जा सकता है।
स्वर का लोप –
जैसे –
अशुद्ध शुद्ध
अगामी आगामी
उज्यनी उज्जयिनी
जमाता जामाता
मोक्षदायनी मोक्षदायिनी
स्वस्थ्य स्वास्थ्य
आजीवका आजीविका
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In audio signal processing and acoustics, echo is a reflection of sound that arrives at the listener with a delay after the direct sound. The delay is directly proportional to the distance of the reflecting surface from the source and the listener.