Hindi, asked by sameerkumar0000111, 6 months ago

शब्द-शक्ति' किसे कहते हैं? इसके प्रकार कितने और कौन-कौन से हैं?​

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Answered by asamitsingh973
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Answer:

शब्द का अर्थ बोध करानेवाली शक्ति 'शब्द शक्ति' कहलाती है।

शब्द-शक्ति को संक्षेप में 'शक्ति' कहते हैं। इसे 'वृत्ति' या 'व्यापार' भी कहा जाता है

शब्द शक्ति के प्रकार

प्रक्रिया या पद्धति के आधार पर शब्द-शक्ति तीन प्रकार के होते हैं-

(1) अभिधा (Literal Sense Of a Word)

(2) लक्षणा (Figurative Sense Of a Word)

(3) व्यंजना (Suggestive Sense Of a Word)

अभिधा से मुख्यार्थ का बोध होता है, लक्षणा से मुख्यार्थ से संबद्ध लक्ष्यार्थ का, लेकिन व्यंजना से न मुख्यार्थ का बोध होता है न लक्ष्यार्थ का, बल्कि इन दोनों से भित्र अर्थ व्यंग्यार्थ का बोध होता है।

(1) अभिधा (Literal Sense Of a Word)- जिस शक्ति के माध्यम से शब्द का साक्षात् संकेतित (पहला/मुख्य/प्रसिद्ध/प्रचलित/पूर्वविदित) अर्थ बोध हो, उसे 'अभिधा' कहते हैं।

(अभिधा का अर्थ है 'नाम' ।) दूसरे शब्दों में नामवाची अर्थ को बतलानेवाला शक्ति को अभिधा कहते हैं। नाम जाति, गुण, द्रव्य या क्रिया का होता है और ये सभी साक्षात् संकेतित होते हैं। अभिधा को 'शब्द की प्रथमा शक्ति' भी कहा जाता है।)

(2) लक्षणा (Figurative Sense Of a Word)- अभिधा के असमर्थ हो जाने पर जिस शक्ति के माध्यम से शब्द का अर्थ बोध हो, उसे 'लक्षणा' कहते हैं।

लक्षणा की शर्ते : लक्षणा के लिए तीन शर्ते है-

(i) मुख्यार्थ में बाधा- इसमें मुख्य अर्थ या अभिधेय अर्थ लागू नहीं होता है वह बाधित (असंगत) हो जाता है।

(ii) मुख्यार्थ एवं लक्ष्यार्थ में संबंध- जब मुख्य अर्थ बाधित हो जाता है, पर यह दूसरा अर्थ अनिवार्य रूप से मुख्य अर्थ से संबंधित होता है।

(iii) रूढ़ि या प्रयोजन- मुख्य अर्थ को छोड़कर उसके दूसरे अर्थ को अपनाने के पीछे या तो कोई रूढ़ि होती है या कोई प्रयोजन।

(3) व्यंजना (Suggestive Sense Of a Word)- अभिधा व लक्षणा के असमर्थ हो जाने पर जिस शक्ति के माध्यम से शब्द का अर्थ बोध हो, उसे 'व्यंजना' कहते हैं।

दूसरे शब्दों में-शब्द के जिस व्यापार से मुख्य और लक्ष्य अर्थ से भिन्न अर्थ की प्रतीति हो उसे 'व्यंजना' कहते हैं।

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