shabh bhed ke prakar
Answers
Answer:
- रूढ़/मूल शब्द
- यौगिक शब्द
- योगरूढ़ शब्द
- तत्सम
- तद्भव
- देशज
- विदेशज
Explanation:
रूढ़/मूल शब्द
वे शब्द जिनके खंड करने पर कोई अर्थ न निकलता हो तथा जो पूर्ण रूप से स्वतंत्र होते हैं, रूढ़ शब्द कहलाते हैं। जैसे: कल, कपड़ा, आदमी, घर, घास, पुस्तक, घोड़ा आदि।
यौगिक शब्द
दूसरे शब्दों में- ऐसे शब्द, जो दो शब्दों के मेल से बनते है और जिनके खण्ड सार्थक होते है, यौगिक कहलाते है। 'यौगिक' यानी योग से बनने वाला। वे शब्द जो दो या दो से अधिक शब्दों के योग से बनते हैं, उन्हें यौगिक शब्द कहते हैं।
योगरूढ़ शब्द
वे शब्द जो दो या दो से अधिक शब्दों के योग से बने होते हैं, और ये शब्द अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ का बोध कराते हैं, ऐसे शब्द 'योगरूढ़ शब्द' कहलाते हैं।
तत्सम
तत्सम शब्द संस्कृत भाषा के दो शब्दों, तत् + सम् से मिलकर बना है। तत् का अर्थ है – उसके, तथा सम् का अर्थ है – समान। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना किसी परिवर्तन के ले लिया जाता है, उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं। इनमें ध्वनि परिवर्तन नहीं होता है।
तद्भव
तद्भव (शाब्दिक अर्थ : 'उससे उत्पन्न') एक संस्कृत शब्द है जो मध्यकालीन भारत-आर्य भाषाओं के सन्दर्भ में उन शब्दों को कहते हैं जो संस्कृत के मूल शब्द नहीं हैं बल्कि संस्कृत के किसी मूल शब्द से व्युत्पन्न (निकले हुए) हैं। ... दूसरे शब्दों में, तत्सम शब्दों के बदले हुए रूप को तद्भव शब्द कहा जाता है।
देशज
जिन शब्दों के मूल का पता न हो लेकिन उनका प्रयोग प्रचालन में होता है वे देशज शब्द कहलाते हैं। ये शब्द क्षेत्रीय भाषा में बहुतायत से प्रयोग किए जाते हैं। जैसे-लोटा, कटोरा, पगड़ी आदि।
विदेशज
अन्य देश की भाषा से आए हुए शब्द जो हिंदी भाषा में सम्मिलित हुए उन्हें विदेशज शब्द कहते हैं। इन विदेशी भाषाओं में मुख्यतः अरबी, फारसी, तुर्की, उर्दू, अंग्रेजी व पुर्तगाली शामिल हैं।