शबरी शबरी कौन थी और आश्रम में किसका इंतजार कर रही थी
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संबंधित खबरें एक दिन शबरी को ऐसा करते हुए एक ऋषि ने देख लिया और उसकी सेवा से ऋषि बहुत प्रसन्न हुए. शबरी की निष्ठा को देखते हुए ऋषि ने शबरी को अपने आश्रम में शरण दे दी. ऋषि मातंग का जब अंतिम समय आया तो उन्होंने शबरी को बुलाकर कहा कि वो अपने आश्रम में ही प्रभु राम की प्रतीक्षा करें, वे उनसे मिलने जरूर आएंगे.
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एक दिन शबरी को ऐसा करते हुए एक ऋषि ने देख लिया और उसकी सेवा से ऋषि बहुत प्रसन्न हुए. शबरी की निष्ठा को देखते हुए ऋषि ने शबरी को अपने आश्रम में शरण दे दी. ऋषि मातंग का जब अंतिम समय आया तो उन्होंने शबरी को बुलाकर कहा कि वो अपने आश्रम में ही प्रभु राम की प्रतीक्षा करें, वे उनसे मिलने जरूर आएंगे
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