शहर की अपेक्षा गाँव का जीवन कठिन क्यों है? अपने विचार लिखिए।
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quki Sahar me logo ko unki jarurat ki har cheej jaldi mil jati hai... blki gaw me Kai suvidhao Ka abhaw hota hai....
इस पंक्ति पर मेरे विचार इस प्रकार है:
शहर की अपेक्षा गाँव का जीवन बहुत कठिन है| गाँव की लोगों की सोच बहुत छोटी और बहुत समिति होती है| गाँव में कोई इतने पर्याप्त सुविधाएँ नहीं होती की लोग गाँव में रहना पसंद करें | अपने बड़े-बड़े कामों के लिए शहर हना पड़ता है | जैसे शिक्षा के लिए , इलाज करवाने के लिए , नौकरी करने के लिए आदि |
गाँव में लोग बहुत भेद-भाव करते है | यहाँ पर जात-पात तक ही लोगों की सोच रह जाती है| गाँव में लोग लड़कियों को शिक्षा नहीं जाती है | उन्हें बस घर के कामों तक ही रखा जाता है और बाद में उनकी शादी करवा दी जाती है | गाँव में कोई भी नया नहीं सोचना चाहता बस वही पुरानी सोच के साथ जीना चाहते है | लोग अपने आप को बदलना ही नहीं चाहते है| गाँव में लोग बहुत अंधविश्वास में विश्वास रखते है , किसी की बात पर विश्वास नहीं करते |
यह सब देख कर गाँव में रहना बहुत कठिन है |