Hindi, asked by teenadhamot79, 2 months ago

शहरीकरण पक्षियों के लिए घातक पर निबंध​

Answers

Answered by Itzzhoneycomb
2

Answer:

विशेषज्ञों के अनुसार पशु-पक्षियों के विलोपन के पीछे शहरीकरण सबसे बड़ी वजह है। कंक्रीट के जंगलों की संख्या तेजी से बढ़ी और अंधाधुंध पेड़ों की कटाई हुई। इस वजह से प¨रदों के आशियाने उजड़ गए। अब स्थिति यह है कि शहरों में पक्षियों को आशियाना बनाने के लिए जगह नहीं मिल रही है।

hope it helps you!!!

Answered by bamanedhanashree123
1

Answer:

जागरण संवाददाता, नोएडा :

कभी हमारे आंगन और छत की मुंडेर पर चहचहाने वाली गौरैया अब ढूंढे नहीं दिखती। यह नन्ही चिड़िया अब लुप्त होने के कगार पर है। इसी तरह गिद्ध, गुलाबी सर वाली बत्तख, जंगली उल्लू जैसे कई पक्षी लुप्त होने के कगार पर हैं। इनके विलोपन के पीछे बहुत हद तक मानवीय कारण ही हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार पशु-पक्षियों के विलोपन के पीछे शहरीकरण सबसे बड़ी वजह है। कंक्रीट के जंगलों की संख्या तेजी से बढ़ी और अंधाधुंध पेड़ों की कटाई हुई। इस वजह से प¨रदों के आशियाने उजड़ गए। अब स्थिति यह है कि शहरों में पक्षियों को आशियाना बनाने के लिए जगह नहीं मिल रही है। विशेषज्ञ राकेश खत्री कहते हैं कि पक्षी हमेशा सुरक्षित जगह ही अपना घोसला बनाते हैं। मुफीद जगह नहीं मिलने पर तो कई प्रजातियों के पक्षी प्रजनन से भी कतराते हैं। यह विलोपन की वजह बन रही है।

भोजन का संकट विलोपन की बड़ी वजह :

तेजी से शहरीकरण के बाद पशु-पक्षियों के लिए भोजन का संकट भी उत्पन्न हो गया। विशेषज्ञ कहते हैं कि पहले लोगों का पशु-पक्षियों से भावनात्मक जुड़ाव होता था। खाने से पहले एक रोटी गाय के लिए निकाली जाती थी। चिड़ियों के लिए दाना डाला जाता था, लेकिन अब यह जुड़ाव खत्म हो रहा है। ऐसे में गौरेया, कौआ, तोता व कबूतर जैसे पक्षियों के लिए भोजन का संकट पैदा हो गया है। कई पक्षी कीट-पतंगों, मकोड़ों और जलीय पौधों को अपना भोजन बनाते हैं। यह दलदली इलाकों में ही मिलता है, अब तालाब और वेटलैंड खत्म होते जा रहे हैं। ऐसे में इन पक्षियों को भी भोजन नहीं मिल पा रहा है। इसी तरह जलवायु परिवर्तन भी कुछ हद तक जिम्मेदार है। कई प्रजातियों के पक्षी अधिक तापमान या बहुत कम तापमान नहीं सह पाए और खत्म होते चले गए।

mark me as brainliest

Explanation:

Similar questions