शहर, नगर और गांव में क्या अंतर होते हैं?
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शहर बड़ी और स्थायी मानव बस्ती होती है। शहर में आम तौर पर आवास, परिवहन, स्वच्छता, भूमि उपयोग और संचार के लिए व्यापक सिस्टम होता हैं। ऐतिहासिक रूप से शहरवासियों का समग्र रूप से मानवता में छोटा सा अनुपात रहा है। लेकिन आज दो शताब्दियों से अभूतपूर्व और तेजी से शहरीकरण के कारण, कहा जाता है कि आज आधी आबादी शहरों में रह रही हैं। वर्तमान में शहर आमतौर पर बड़े महानगरीय क्षेत्र और शहरी क्षेत्र के केंद्र होते हैं।
ग्राम या गाँव छोटी-छोटी मानव बस्तियों को कहते हैं जिनकी जनसंख्या कुछ सौ से लेकर कुछ हजार के बीच होती है। प्राय: गाँवों के लोग कृषि या कोई अन्य परम्परागत काम करते हैं। गाँवों में घर प्राय: बहुत पास-पास व अव्यवस्थित होते हैं। परम्परागत रूप से गाँवों में शहरों की अपेक्षा कम सुविधाएं (शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य आदि की) होती हैं।
नगरीय क्षेत्र का अर्थ एक ऐसे क्षेत्र से होता है जहाँ पर जनसंख्या घनत्व और मानवीय क्रियाकलाप उस क्षेत्र के आसपास के क्षेत्रों से अधिक होता है। नगरीय क्षेत्र आमतौर पर नगरों, कस्बों, या उपनगरीय विस्तारों को सम्मिलित किया जाता है लेकिन इसमें ग्रामीण क्षेत्रों को सम्मिलित नहीं किया जाता। नगर भी एक प्रकार से शहर ही होते हैं परन्तु संस्कृत शब्द नगर भी उपयोग किया जाता विशेषकर सरकारी कार्य में जैसे कि नगर निगम।
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