शहरी संबंध क्षेत्र में पर्यावरण समस्या
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Explanation:
शहरों में तेज़ी से बढ़ता हुआ यह प्रदूषण प्रकृति, मनुष्यों और जीव जंतुओं के लिए हानिकारक है। जितनी उन्नति विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने की है , उतना ही उसका गहरा प्रभाव गहरा प्रकृति और पर्यावरण पर पड़ा है। आज हम कई विपदाओं का सामना कर रहे है, उसमे से एक प्रदूषण भी है। जब पृथ्वी के वातावरण में गंदगी फैलाने वाले पदार्थ और वस्तु पाए जाते है, जिसके कारण जल, हवा, मिटटी जैसे प्राकृतिक संसाधन प्रदूषित हो रहे है, उसे प्रदूषण कहा जाता है। शहरों को कई दशकों से उन्नत और शक्तिशाली बनाने के लिए वन, पेड़ इत्यादि धरल्ले से काटे जा रहे है क्यों कि उसकी जगह पर बड़ी इमारत, बिल्डिंग्स, शॉपिंग मॉल, फैक्ट्रीज बनाये गए है और अभी भी बनाये जा रहे है। मनुष्य तरक्की और कामयाबी पाने के लिए अपनी ही सुन्दर प्रकृति को कई वर्षो से नुकसान पहुँचा रहा है
गाँव की तुलना में शहर का वातावरण प्रदूषित ज़्यादा है। शहरों में फल, सब्जी इतनी अधिक ताज़ा नहीं मिलती जितना गाँव में प्राप्त होता है। शहरों में लोग पौधे इत्यादि कम लगाते है और लगाने के लिए उन्हें स्थान नहीं मिल पाता है मगर गाँव में लोग खुले खलिहान में रहते है, आये दिन खेती बाड़ी करते है और पेड़ पौधों का ध्यान रखते है। गाँव में शौचालयों की कमी होने के कारण वातावरण खराब हो रहा है। कई गाँव के लोग अपने दैनिक कार्य को पूरा करने के लिए तालाब या छोटी झील का उपयोग करते है , जिससे जल बुरी तरीके से प्रदूषित हो रहा है।
Answer:
गत सौ वर्ष में मनुष्य की जनसंख्या में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। इसके कारण अन्न, जल, घर, बिजली, सड़क, वाहन और अन्य वस्तुओं की माँग में भी वृद्धि हुई है। प्रदूषण प्रदूषण वायु, भूमि, जल या मृदा के भौतिक, रासायनिक या जैवीय अभिलक्षणों का एक अवांछनीय परिवर्तन है। .