Hindi, asked by teena9564sharma, 8 months ago

शहरी स्त्रियों द्वारा कांच की चूड़ियां पहनने का कारण बदलू क्या बताता था​

Answers

Answered by Queenhu826
4

Answer:

कामतानाथ की कहानी “लाख की चूड़ियाँ” शहरीकरण और औद्योगिक विकास से गाँव के उद्योग के ख़त्म होने के दुख को चित्रित करती है। यह कहानी रिश्ते-नाते के प्यार में रचे-बसे गाँव के सहज सम्बन्धो में बिखराव और सांस्कृतिक नुकसान के आर्थिक कारणों को स्पष्ट करती है।यह कहानी एक बच्चे और बदलू मामा की है। जो उसे लाख की गोलियाँ बनाकर देता है और वह बच्चा इस बात से बहुत खुश होता है। धीरे-धीरे समय बीतता है और वह बच्चा बड़ा होने के बाद एक बार फिर गॉंव आता है और बदलू से मिलकर औपचारिक बात करते हुए उसे मालुम होता है की गांव में “लाख की चूड़ियाँ” बनाने का कामकाज लगभग ख़त्म हो रहा है।

बदलू इस बदलाव से दुखी है किन्तु वो अपने उसूल नहीं त्यागता तथा साथ ही अपना जीवन चलाने के लिए कई और रास्ते निकाल लेता है। इस कहानी में लेखक विपरीत परिस्थितियों में भी अपने उसूल को न त्यागने की सीख देता है तथा उन्हें इस बात पर संतोष भी है।

Explanation:

स पाठ के द्वारा लेखक लघु उद्योग की ओर पाठको का ध्यान करवा रहे है। वे कहते हैं कि बदलते समय का प्रभाव हर वस्तु पर पड़ता है। बदलू व्यवसाय से मनिहार है। वह अत्यंत आकर्षक चूड़ियाँ बनाता है। गाँव की स्त्रियाँ उसी की बनाई चूड़ियाँ पहनती हैं। बदलू को काँच की चूड़ियों से बहुत चिढ़ है। वह काँच की चूड़ियों की बड़ाई भी नहीं सुन सकता तथा कभी-कभी तो दो बातें सुनाने से भी नहीं चूकता ।

शहर और गाँव की औरतों की तुलना करते हुए वह कहता है कि शहर की औरतों की कलाई बहुत नाजुक होती है। इसलिए वह लाख की चूड़ियाँ नहीं पहनती है। लेखक अकसर गाँव जाता है तो बदलू काका से जरूर मिलता है क्योकि वह उसे लाख की गोलियां बनाकर देता है। परन्तु अपने पिता जी की बदली हो जाने की वजह से इस बार वह काफी दिनों बाद गाँव आता है।

वह वहां औरतों को काँच की चूड़ियाँ पहने देखता है तो उसे लाख की चूड़ियों की याद हो आती है वह बदलू से मिलने उसके घर जाता है।बातचीत के दौरान बदलू उसे बताता है कि लाख की चूड़ियों का व्यवसाय मशीनी युग आने के कारण बंद हो गया है और काँच की चूड़ियों का प्रचलन बढ़ गया है।

इस पाठ के द्वारा लेखक ने बदलू के स्वभाव, उसके सीधेपन और विनम्रता को दर्शाया है। मशीनी युग से आये परिवर्तन से लघु उद्योग की हानि परप्रकाश डाला है। अंत में लेखक यह भी मानता है कि काँच की चूड़ियों के आने से व्यवसाय में बहुत हानि हुई हो किन्तु बदलू का व्यक्तित्व काँच की चूड़ियों की तरह नाजुक नहीं था जो सरलता से टूट जाए।

Answered by dolnarayan
2

Answer:

ह्लो मंगला भय ना मंगला हरि

Similar questions