Math, asked by junkajuvvasathwika, 5 months ago


शहर दूर होने के कारण गोड जनजाति के लोगों को क्या क्या कठिनाइयाँ होती हैं?
lesson name:gussadi
for class 7 th
please Fastly answer my question​

Answers

Answered by animelover07
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सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री (श्री थावर चंद गहलोत) :  सभापति महोदय, मैं प्रस्ताव करता हूं :-

“कि संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश, 1950 का और संशोधन करने वाले विधेयक पर विचार किया जाए। ”

 

          माननीय सभापति महोदय, छत्तीसगढ़, हरियाणा, केरल, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों ने अनुसूचित जातियां आदेश, 1950 में कुछ संशोधन करने के लिए प्रस्ताव प्रेषित किये। प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद हमारे मंत्रालय की ओर से जो नियम प्रक्रिया है, उसके अनुसार हमने राज्यों से आये हुए प्रस्ताव को आरजीआई की राय जानने के लिए भेजा। उस पर आरजीआई ने सहमति दी। आरजीआई की सहमति के बाद हमने उन प्रस्तावों को राष्ट्रीय स्तर के अनुसूचित जाति आयोग की राय जानने के लिए भेजा। अनुसूचित जाति आयोग ने भी सहमति दी। ...(व्यवधान) जब आरजीआई और अनुसूचित जाति आयोग सहमति देते हैं, तो हम बिल बनाकर माननीय संसद के सामने लाते हैं। हमने ये सारी प्रक्रियाएं पूरी की हैं। उसके बाद संशोधन करने के लिए हमने यह बिल प्रस्तुत किया है।

          इस बिल में छत्तीसगढ़ में घासी और घसिया जाति है, जिसके कुछ पर्यायवाची शब्द हैं। हमने उन्हें जोड़ने का निर्णय लिया है। मैं उन्हें पढ़ने की आवश्यकता महसूस नहीं करता हूं। इसी प्रकार से हरियाणा में कुछ नयी प्रविष्टियां हैं, जैसे अहेरिया, अहेरी, हरी, हेरी, थोरी, तुरी के रूप में नयी जातियों का समावेश अनुसूचित जाति में होना है। इसके साथ ही एक और जाति राय सिख है, जिसे हम इसमें जोड़ रहे हैं। केरल में क्षेत्र विस्तार कर रहे हैं। ये जाति आलरेडी मालाबार जिले में है, परन्तु मालाबार जिले का एक जिला और बन गया है। हम उसका क्षेत्र विस्तार कर रहे हैं। इस क्षेत्र विस्तार के कारण अन्य जिले जो कोझीकोड़ और वयनाड जिले में हैं, उसमें भी यह जाति सम्मिलित होगी, ऐसा माना जायेगा। फिर पर्याय के रूप में शामिल करने के लिए केरल की प्रविष्टि संख्या 37 में मण्णन, पथियन, पेरूमण्णन, पेरूवण्णन, वण्णन और वेलन के पर्यायवाची शब्द हम इसमें उल्लिखित करने का प्रावधान कर रहे हैं। ओडिशा की दो जातियां--बारीकी और कुम्हारी विलोपित की जा रही हैं। इन जातियां का वहां कोई वजूद नहीं बचा है, इसलिए इसे विलोपित कर रहे है। पश्चिम बंगाल में चेन (माल्दा मुर्शिदाबाद, नादिया और दक्षिण दीनाजपुर जिलों में) का जो क्षेत्रीय प्रतिबंध है, उसे हटा रहे हैं, अर्थात् पूरे राज्य में वह जाति अब अनुसूचित जाति में सम्मिलित की जा रही है।

          मैं माननीय सदस्यों से प्रार्थना करना चाहूंगा कि नियम प्रक्रिया के अंतर्गत सारी प्रक्रियाएं पूर्ण करने के बाद हम यह विधेयक आपके समक्ष विचारार्थ और पास करने के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। आपसे अनुरोध है कि आप समर्थन करके इसे पास करवायें।

                                                                             

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