शकुन अपशकुन के बारे में अपने विचार लिखिए
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प्राचीन भारतीय ग्रंथों में भी शुभ-अशुभ संकेतो के बारे में वर्णन किया गया है। कुछ लोग इसे अन्धविश्वास की दृस्टि से देखते हैं तो कुछ लोग इन सभी बातों पर पूर्ण आस्था के साथ विश्वास रखते हैं। प्रकृति हमे समय समय पर किसी न किसी माध्यम से भविष्य में होने वाली घटनाओं के प्रति सचेत करती रहती है हमे पहले से आगाह कर देती है। इन्ही में से एक माध्यम है शुभ - अशुभ शकुन विचार (shubh ashubh shakun vichar) जिसके माध्यम से हमे प्रकर्ति हमे भविष्य में होने वाली घटनाओं का इशारा देती है। कुछ लोग इन इशारों को समझ जाते है और पहले से ही सजग हो जाते है।
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शकुन-अपशकुन समाज में प्रचलित एक अवधारणा है। इसमें यह माना जाता है कि कुछ विशेष प्रकार की परिघटनाएँ हमारे भविष्य का संकेत देती हैं। अनुकूल भविष्यवाणी करने वाले संकेतों को शुभ शकुन और प्रतिकूल भविष्यवाणी करने वाले संकेतों को अपशकुन कहा जाता है। हमारे देश में ही नहीं, अपितु संसार भर में लोग शकुन-अपशकुन पर विश्वास करते हैं। भारतीय संस्कृति में शकुन-अपशकुन का वर्णन वेदों, पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है।
काली बिल्ली द्वारा रास्ता काट जाना, किसी कार्य को आरंभ करते समय किसी का छींक देना, घर से बाहर जाते हुए व्यक्ति को किसी के द्वारा टोका जाना आदि समाज में बहुप्रचलित अपशकुन हैं। इन अपशकुनों को मानने वालों की संख्या कम नहीं है। इन अपशकुनों के चक्कर में आकर कभी-कभी लोगों को हानि भी उठानी पड़ती है, फिर भी वे इन्हें मानने से नहीं चूकते। ये मान्यताएँ मनुष्य को कमजोर बनाती हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से इन शकुन-अपशकुनों को अंधविश्वास ही माना जाता है।
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