शक्ति का केन्द्रीकरण (प्रभाकर श्रोत्रिय) निबंध का सारांश अपने शब्दों में लिखिए
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डॉ॰ प्रभाकर श्रोत्रिय (जन्म १९ दिसम्बर १९३८) हिन्दी साहित्यकार, आलोचक तथा नाटककार हैं। हिंदी आलोचना में प्रभाकर श्रोत्रिय एक महत्वपूर्ण नाम है पर आलोचना से परे भी साहित्य में उनका प्रमुख योगदान रहा है, खासकर नाटकों के क्षेत्र में। उन्होंने कम नाटक लिखे पर जो भी लिखे उसने हिंदी नाटकों को नई दिशा दी। पूर्व में मध्यप्रदेश साहित्य परिषद के सचिव एवं 'साक्षात्कार' व 'अक्षरा' के संपादक रहे हैं एवं विगत सात वर्षों से भारतीय भाषा परिषद के निदेशक एवं 'वागर्थ' के संपादक पद पर कार्य करने के साथ-साथ वे भारतीय ज्ञानपीठ नई दिल्ली के निदेशक पद पर भी कार्य कर चुके हैं। वे अनेक महत्वपूर्ण संस्थानों के सदस्य हैं। निधन- 15 सितंबर, 2016. सर गंगाराम अस्पताल, नई दिल्ली।
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