Sociology, asked by sacheevanitin2003, 5 months ago

शक्ति की पांच विशेषताएं बताइए​

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Answered by SAKSHITHELEARNER26
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शक्ति संतुलन की अवधारणा लगभग 15 वीं शताब्दी से अंतर्राष्ट्रीय स्तर में प्रचलित है। शायद इसीलिए कुछ लेखक इसे अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का बुनियादी सिद्धान्त तो कुछ इसे सार्वजनिक सिद्धान्त या राजनीति के मौलिक सिद्धान्त की संज्ञा देते हैं। साधारण शब्दों में शक्ति संतुलन का अर्थ है जब एक राज्य/राज्यों का समूह दूसरे राज्य/राज्यों के समूह के सापेक्ष अपनी शक्ति इतनी बढ़ा ले कि वह उसके समकक्ष हो जाए। परन्तु इस धारणा की परिभाषा को लेकर विद्यमान एकमत नहीं हैं। शायद इसीलिए इनिंस एल क्लॉड का कहना है कि यह ऐसी अवधारणा है जिसकी परिभाषा की समस्या नहीं है बल्कि समस्या यह है कि इसकी बहुत सारी परिभाषाएं हैं। इन परिभाषाओं से पहले यह बताना भी आवश्यक है कि यह दो प्रकार की होती हैं -सरल एवं जटिल। सरल या साधारण शक्ति संतुलन जब होता है जब यह तुलना दो राष्टोंं या दो राष्टोंं के बीच में सीधे तौर पर हो। लेकिन यदि यह संतुलन दो समुदायों के परस्पर तथा इनमें सम्मिलित समुदायों में आन्तरिक रूप में भी हो तब यह जटिल संतुलन कहलाता है।

इसके संदर्भ में विद्वानों ने विभिन्न परिभाषाएं दी हैं जो इस प्रकार हैं-

Answered by gayatrikumari99sl
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                 शक्ति की पांच विशेषताएं

  • एक संकेत का एक विचार एक शक्ति संबंध है। यह वह जगह है जहाँ शासक और शासित के बीच गतिशील शक्ति की खोज की जाती है।
  • शक्ति प्रतिष्ठा और व्यक्तिगत स्थिति से प्रभावित होती है।
  • शक्ति में पुरस्कार और दंड दोनों की क्षमता है।
  • कई प्रभावशाली व्यक्ति गुप्त रूप से काम करके अपने प्रभाव का उपयोग करते हैं।
  • शक्ति" शब्द में कई अवधारणाएँ शामिल हैं। गतिशील ऊर्जा, सामान्य परिभाषा के अनुसार, वह है जो ब्रह्मांड को बनाने, बनाए रखने और अंततः नष्ट करने का कारण बनती है।

#SPJ3

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