Hindi, asked by Nishu66645, 6 months ago

शक्ति और क्षमा कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है ? ( कक्षा - सातवीं ) If Anyone Will Give Irrelevant Answers Then Reported.​

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Answered by Himanidaga
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Answer:

यह कविता रामधारी सिंह ‘दिनकर’ द्वारा रचित ‘कुरुक्षेत्र’ काव्य से ली गई है। इसमें यह सन्देश है कि व्यक्ति को क्षमा, दया, सहनशीलता, त्याग, मनोबल आदि गुण अवश्य अपनाने चाहिए, परन्तु इनके साथ ही उसे शक्तिशाली एवं पराक्रमी भी होना चाहिए। किसी दुष्ट को क्षमा वही कर सकता है, जो स्वयं पराक्रमी हो। क्षमा तब तक ही करना चाहिए जब तक उसकी कद्र हो। श्रीराम ने समुद्र से विनती की कि पार जाने का मार्ग दो, परन्तु समुद्र ने उनकी प्रार्थना नहीं सुनी। तब श्रीराम ने अपना अग्नि बाण निकाला, तो समुद्र सामने आकर गिड़गिड़ाने लगा। इस प्रसंग में यही सन्देश दिया गया है कि क्षमा, दया, विनय के

साथ ही पौरुष और पराक्रम का होना जरूरी है। तभी यश एवं सम्मान मिलता है।

Answered by ramesh015
5

Answer:

इससे कवि का आशय यह है कि किसी को क्षमा करने के साथ ही शक्ति भी रखनी चाहिए। पौरुष रखने से ही क्षमा गुण की शोभा होती है। विषैले सर्प से सभी डरते हैं। पराक्रमी से सभी भयभीत रहते हैं तथा उसका पूरा आदर करते हैं।

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