Political Science, asked by bankekaushik0, 27 days ago

शक्ति पृथक्करण के सिद्धांत का परीक्षण कीजिए ।क्या यह सिद्धांत व्यावहारिक है ?​

Answers

Answered by 20201112
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Explanation:

शक्तियों के पृथक्करण का सिद्धांत फ्रेंच दार्शनिक मान्टेस्कयू ने दिया था। उसके अनुसार राज्य की शक्ति उसके तीन भागों कार्यपालिका, विधानपालिका, तथा न्यायपालिका मे बांट देनी चाहिये। यह सिद्धांत राज्य को सर्वाधिकारवादी होने से बचा सकता है तथा व्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करता है।

Answered by mad210205
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  • शक्तियों का पृथक्करण एक राज्य की सरकार के विभाजन को शाखाओं में विभाजित करता है, प्रत्येक अलग, स्वतंत्र शक्तियों और जिम्मेदारियों के साथ, ताकि एक शाखा की शक्तियां अन्य शाखाओं के साथ संघर्ष में न हों। विशिष्ट विभाजन तीन शाखाओं में होता है: एक विधायिका, एक कार्यपालिका और एक न्यायपालिका, जो त्रय राजनीति मॉडल है। इसकी तुलना संसदीय और अर्ध-राष्ट्रपति प्रणालियों में शक्तियों के संलयन से की जा सकती है, जहां कार्यकारी और विधायी शाखाएं ओवरलैप होती हैं।

  • पृथक शक्तियों की प्रणाली के पीछे का उद्देश्य नियंत्रण और संतुलन प्रदान करके सत्ता के संकेंद्रण को रोकना है। पावर मॉडल का पृथक्करण अक्सर सटीक रूप से और समानार्थी रूप से ट्रायस पॉलिटिका सिद्धांत के साथ परस्पर विनिमय के लिए उपयोग किया जाता है। जबकि ट्रायस पॉलिटिका मॉडल एक सामान्य प्रकार का अलगाव है, ऐसी सरकारें हैं जिनकी तीन से अधिक या कम शाखाएँ हैं।

  • यह व्यावहारिक है |
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