Shamaj me ladkiyo ke shath badte apradh per prashtavna in hindi
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हर दिन महिलाओं से जुड़े अपराधों के नए मामले सामने आ रहे हैं। कल रात ही ग्रेटर नोएडा में चार महिला के साथ गैंग रेप की घटना हुई है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2011 से 2015 के बीच महिलाओं के विरुद्ध अपराध 41.7 प्रतिशत से बढ़कर 53.9 प्रतिशत तक पहुंच गए हैं। नवजात बच्चियों से लेकर 80 साल की वृद्ध महिला तक यौन हिंसा की शिकार हो रही हैं। सुबह की शुरुआत महिला अपराध से जुड़ी एक नई खबर के साथ होना अब आम हो चुका है।
पर, जब आप कोई ऐसी खबर पढ़ती हैं, तो फेसबुक या दूसरे सोशल साइट्स पर अपना विरोध जताने, कमेंट करने या अपनी जैसी सोच वाली पोस्ट को शेयर करने के अलावा क्या कुछ और करती हैं? सामाजिक कार्यकर्ता शीतल वर्मा कहती हैं, ‘घर के भीतर से लेकर घर के बाहर तक महिलाओं को आज भी तरह-तरह के अपराधों का सामना करना पड़ता है। हालांकि कानून अब हमारे साथ पहले की तुलना में थोड़ी ज्यादा मजबूती से खड़ा है, फिर भी ज्यादातर मामलों में महिलाएं व परिवार के लोग चुप्पी साध लेते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि घटना हो जाने के बाद मोमबत्तियां जलाकर प्रदर्शन व विरोध करने के बजाय सामाजिक स्तर पर महिलाओं के प्रति आम विचारधारा में बदलाव लाने की कोशिश की जाए,ताकि समस्या का जड़ से समाधान संभव हो सके।’
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happy raksha Bandhan to all my crazy sisters.