ᮧशन 1: अपᳯठत ग᳒ांश के आधार पर िन᳜िलिखत ᮧ᳤ᲂ के उᱫर दीिजए | 10
िशᭃा और गुᱧ के मा᭟यम से ही अपने आंतᳯरक गणु ᲂ को हम ᮧकाश म लाते ह ᱶ ᱹ| यᳰद धम के माग ᭅ ᭅ पर चलकर मानव
िव᭄ बनता हैतो वह अपनेजीवन केमागᭅकेिवकास केिलए अनवरत लगकर जीवन को सफल बनाता हैऔर स᭥यक
᭄ान, गुण, धमᭅसेजीवन को ᮩᳬ सेजोड़कर करोड़ᲂ ज᭠मᲂ के कमᲄ से मुिᲦ ᮧा᳙ करता है, ᳰक᭠तु यह िशᭃा के ᳇ारा
ही सभं व है| िशᭃा भी दो मा᭟यमᲂ सेिमलती है| एक जीिवकोपाजᭅन का मा᭟यम बनती है तथा दसू री सेजीवनसाधना सभं व होती है| दोनᲂ म पᱶ ᳯरपणू ᭅता गुᱧ के मा᭟यम सेही होती है| जीिवकोपाजᭅन कᳱ िशᭃा पाकर यह संसार
बड़ा सुखमय ᮧतीत होता हैऔर जलतेᱟए दीपक के ᮧकाश जसै ा वह बाहरी जीवन मᱶᮧकाश पाता है| दसू री िशᭃा
पानेकेिलए स᭞गुᱧ कᳱ तलाश होती है| वह स᭞गुᱧ कहᱭ भी कोई भी हो सकता है, जैसेतलु सीदास कᳱ सᲬी गुᱧ
उनकᳱ प᳀ी थी, िजनकᳱ ᮧरेणा सेउनकेअतं मᭅन मᱶᮧकाश भर गया और सारेिवकार धलु गए | मन ᭭व᭒छ हो गया |
अपनेदलु ᭅभ जीवन को सफल बनाकर हमेशा हमशे ा केिलए सखु द जीवन िजए | ऐसे ही ᮩᳬ-᭄ान व आ᭜मिनᱨपण
कᳱ सᲬी िशᭃा के िबना साथक जीवन नह ᭅ ᱭ िमलता | सᲬा ᭄ान मुिᲦ का मागᭅहै|
(क) आंतᳯरक गुणᲂ से या अिभᮧाय है?
(ख) जीवन को सफल कैसेबनाया जा सकता है?
(ग) िशᭃा के मह᭜व को सप᳥ कᳱिजए |
(घ) गुᱧ कᳱ आव᭫यकता यᲂ होती है?
(ङ) जीिवकोपाजᭅन कᳱ िशᭃा से आप या समझते हᱹ?
(च) सᲬा ᭄ान मिुᲦ का मागᭅकैसेहै?
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ache se likho smhaj nhi aa rah
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bhai kuch samasjh nhi aa rha
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lol
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