शनिवार की सुबह से ही लेखिका की नाक में ---------गंध आने लगती थी ?*
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¿ शनिवार की सुबह से ही लेखिका की नाक में ...ऑलिव ऑयल... की गंध आने लगती थी ?
✎... ‘बचपन’ पाठ में लेखिका कृष्णा सोबती बताती हैं कि उन्हें अपने बचपन में सेहत को दुरुस्त रखने के लिए हर शनीचर यानि शनिवार को ऑलिव आयल पीना पड़ता था। उनके लिए यह एक मुश्किल काम था और शनिवार की सुबह से ही नाक में इसकी गंध आने लगती थी। ऑलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल पीने के लिए छोटे शीशे के गिलास पर खुराक के लिए जो निशान पड़े होते थे, उन निशा को देखते ही लेखिका को मिलती सी होने लगती थी। लेखिका का मानना था कि यह शनिवारी दवा यदि वह अपने बचपन में नहीं भी पीतीं तो भी कोई बेहद फर्क नहीं पड़ने वाला था, उनकी सेहत ठीक ही रहती। लेकिन उन्हें बचपन में उनके अभिभावकों द्वारा यह दवा पीने का दवाब था।
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इसका उत्तर है ऑलिव ऑयल
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