शरीर के कण-कण में व्यप्त ईश्वर को हम देख नहीं पाते क्योंकि ----------------------।
(क) सुखी होने के कारण
(ख) अज्ञान के कारण
(ग) ज्ञान के कारण
(घ) दुखी होने के कारण
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your option is (घ)
ईश्वर कण-कण में व्याप्त है फिर भी हम उसे देख नहीं पाते क्योंकि हम उसे उचित जगह पर तलाशते ही नहीं हैं। ईश्वर तो हमारे भीतर है लेकिन हम उसे अपने भीतर ढ़ूँढ़ने की बजाय अन्य स्थानों; जैसे तीर्थ स्थल, मंदिर, मस्जिद आदि में ढ़ूँढ़ते हैं।
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सुखी होने के कारण।ही हम ईश्वर को देख नहीं पाते जब हम पर दुःख का साया च जाता है तब हमें इश्वर की याद आती है ।
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