शरीर क्रिया विज्ञान तथा खेल इंपॉर्टेंट नोट्स इन हिंदी (physical education class 12th )
manishajha93:
sorry
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☺HERE IS YOUR ANS.☺
⭐ IMPORTANT NOTES ⭐
संतुलित आहार:- “वह आहार जिससे व्यक्ति को शरीर के लिए सभी आवश्यक तत्व उचित मात्रा में प्राप्त होते हैं। संतुलित आहार कहलाता है।”
पोषण (न्यूट्रिशियन):- पोषण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें शरीर भोजन का उपयोग कोशिकाओं की मरम्मत, वृद्धि व अन्य क्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए करता है।
मेक्रो (बृहत्) पोषक तत्व:- वे पोषक तत्व जो हमारे भोजन में अधिक मात्रा में होते है। या हमारे शरीर को जिन पोषक पदार्थों की अधिक मात्रा में आवश्यक्ता होती है। बृहत् या मेक्रो पोषक तत्व कहलाते है। जैसे- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन वसा व जल।
माइक्रो (सूक्ष्म) पोषक तत्व:- वह पोषक तत्व जिनकी हमारे शरीर को अत्यन्त अल्प मात्रा में आवश्यकता होती है। सूक्ष्म पोषक तत्व कहलाते हैं। जैसे विटामिन्स व खनिजA आहार के पोषक तत्व: ये वो पदार्थ हैं। जिनसे हमारे शरीर को-ऊर्जा व ऊष्मा प्राप्त होती है। (कार्बोहाइड्रेट व वसा)शरीर की वृद्धि व विकास होता है। (प्रोटीन व खनिज)शरीर की बीमारियों व बहा कारकों से रक्षा करते है। प्रोटीन, विटामिन्स, जल तथा खनिज लवण
B आहार के अपोषक तत्व:- हमारे आहार के वे तत्व जिनसे हमें किसी भी प्रकार पोषण नहीं मिलता है। आहार के अपोषक तत्व कहलाते हैं। ये तत्व हमारे पाचन के लिए लाभदायक भी होते हैं और कुछ हानिकारक भी हो सकते है। फाइबर, स्वाद व रंग योगिक, पादप योगिक आदि।भार नियंत्रण हेतु भोजनस्वस्थ भार या आदर्श वजन-शरीर का स्वस्थ भार वह भार होता है। जिसके चलते हम बिना किसी बिमारी के भय के स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सके यह 18.5 से 25 BMI के बीच होता है।
बॉडी मास इंडेक्स (B.M.I) को मापने की विधि:
भार नियंत्रण हेतु कारक:संतुलित भोजनअधिक मात्रा ने पानी का सेवनअधिक रेशदार भोजन की खानानियमित चिकित्सा जाँचअधिक वसा का सेवन न करनाचिकित्सक की सलाह से दवाईयों को प्रयोग करनासक्रिय जीवन शैलीमदिरापान तथा धूम्रपान से परहेजअस्वास्थ्यकर भोजन न करेंअधिक न खाएंस्वास्थ्य आदतों को अपनाओंअल्पहार से बचेपतले होने वाली दवाईयों से परहेजअधिक कार्बोहाइड्रेट से बचे।भोजन से संबधित गलत धारणाए या भोजन मिथक- भोजन से संबधित कुछ गलत या भ्रामक मिथक इस प्रकार है।नाश्ता ज्यादा हैवी नहीं खाना चाहिए।आलू वजन बढ़ाता है।मीठा खाने से मधुमेह होता है।खाते समय पानी नहीं पीना।मीठा खाना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं।बैंगन व मछली खाकर दूध न पीना।घी तेल नहीं खाना चाहिए।डाइटिंग (भूखों मरना) से वजन कम होता है।प्रोटीन पूर्ति हेतु मांसाहार आवश्यक है।शाकाहारी लोग अच्छी बॉडी नहीं बना सकते।
ये सभी भोजन से संबधित गलत धारणाए हैं। जो कि सही नहीं है।
खेल प्रदर्शन पर आहार का प्रभाव (Effect of Diet on sports Performance)
संतुलित आहर का एक सामान्य व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए काफी योगदान होता है। किन्तु खेल के क्षेत्र में इसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। किसी भी खिलाड़ी की संतुलित आहार न केवल उसे फिट रहने के लिए बल्कि खेलों के दौरान होनेवाली थकान व ऊर्जा को क्षति पूर्ति के लिए भी आवश्यकता होती है। आहार खिलाड़ी के खेल प्रदर्शन का एक प्रमुख घटक है। जिसका निर्धारण खिलाड़ी के शरीर का आकार, भार, उम्र, लिंग, खेल व प्रशिक्षण की प्रकृति को ध्यान में रखकर किया जाता है। खिलाड़ियों को आवश्यक भोज्य-पदार्थों से युक्त संतुलित आहार के अलावा भी प्रशिक्षण के दौरान अतिरिक्त ऊर्जा के लिए अतिरिक्त भोजन की आवश्यकता पड़ती है।
आमतौर पर एक खिलाड़ी को लगभग 5000 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त करने के लिए एक खिलाड़ी को 4 भाग कार्बोहाइड्रेट, 1 भाग वसा तथा 1 भाग प्रोटीन का होता है अर्थात् इनका अनुपात क्रमशः 4:1:1 अवश्य होना चाहिए। यहाँ यह बात बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट हो जानी चाहिए कि भोजन संतुलित मात्रा में ही खिलाड़ी को दिया जाना चाहिए, क्योंकि संतुलित आहार की प्राप्ति से ही खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर पाएगा।
पूरक आहार का प्रयोग करते समय किन-किन निर्देशों का पालन करना चाहिएअत्याधिक सेवन हानिकारक हो सकता हैबच्चों की पहुँच से दूर रखेपूरक आहार की मात्रा आहार विशेषज्ञ क दिशा निर्देशों के अनुरूप ही लेब
पूरक आहार की अवश्यकता
पूरक आहार की आवश्यकता के निम्नलिस्थित कारण हो सकते हैं
- यदि दिया जाने वाला खाना पूर्ण रूप से पौष्टिक न हो और उससे सभी पोषक तत्वों की पूर्ति न होती हो
- खाने से सम्बन्धित विकार तथा भोजन एलर्जी
- कठोर प्रशिक्षण
☺⭐hope it helps u⭐☺....
⭐ IMPORTANT NOTES ⭐
संतुलित आहार:- “वह आहार जिससे व्यक्ति को शरीर के लिए सभी आवश्यक तत्व उचित मात्रा में प्राप्त होते हैं। संतुलित आहार कहलाता है।”
पोषण (न्यूट्रिशियन):- पोषण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें शरीर भोजन का उपयोग कोशिकाओं की मरम्मत, वृद्धि व अन्य क्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए करता है।
मेक्रो (बृहत्) पोषक तत्व:- वे पोषक तत्व जो हमारे भोजन में अधिक मात्रा में होते है। या हमारे शरीर को जिन पोषक पदार्थों की अधिक मात्रा में आवश्यक्ता होती है। बृहत् या मेक्रो पोषक तत्व कहलाते है। जैसे- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन वसा व जल।
माइक्रो (सूक्ष्म) पोषक तत्व:- वह पोषक तत्व जिनकी हमारे शरीर को अत्यन्त अल्प मात्रा में आवश्यकता होती है। सूक्ष्म पोषक तत्व कहलाते हैं। जैसे विटामिन्स व खनिजA आहार के पोषक तत्व: ये वो पदार्थ हैं। जिनसे हमारे शरीर को-ऊर्जा व ऊष्मा प्राप्त होती है। (कार्बोहाइड्रेट व वसा)शरीर की वृद्धि व विकास होता है। (प्रोटीन व खनिज)शरीर की बीमारियों व बहा कारकों से रक्षा करते है। प्रोटीन, विटामिन्स, जल तथा खनिज लवण
B आहार के अपोषक तत्व:- हमारे आहार के वे तत्व जिनसे हमें किसी भी प्रकार पोषण नहीं मिलता है। आहार के अपोषक तत्व कहलाते हैं। ये तत्व हमारे पाचन के लिए लाभदायक भी होते हैं और कुछ हानिकारक भी हो सकते है। फाइबर, स्वाद व रंग योगिक, पादप योगिक आदि।भार नियंत्रण हेतु भोजनस्वस्थ भार या आदर्श वजन-शरीर का स्वस्थ भार वह भार होता है। जिसके चलते हम बिना किसी बिमारी के भय के स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सके यह 18.5 से 25 BMI के बीच होता है।
बॉडी मास इंडेक्स (B.M.I) को मापने की विधि:
भार नियंत्रण हेतु कारक:संतुलित भोजनअधिक मात्रा ने पानी का सेवनअधिक रेशदार भोजन की खानानियमित चिकित्सा जाँचअधिक वसा का सेवन न करनाचिकित्सक की सलाह से दवाईयों को प्रयोग करनासक्रिय जीवन शैलीमदिरापान तथा धूम्रपान से परहेजअस्वास्थ्यकर भोजन न करेंअधिक न खाएंस्वास्थ्य आदतों को अपनाओंअल्पहार से बचेपतले होने वाली दवाईयों से परहेजअधिक कार्बोहाइड्रेट से बचे।भोजन से संबधित गलत धारणाए या भोजन मिथक- भोजन से संबधित कुछ गलत या भ्रामक मिथक इस प्रकार है।नाश्ता ज्यादा हैवी नहीं खाना चाहिए।आलू वजन बढ़ाता है।मीठा खाने से मधुमेह होता है।खाते समय पानी नहीं पीना।मीठा खाना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं।बैंगन व मछली खाकर दूध न पीना।घी तेल नहीं खाना चाहिए।डाइटिंग (भूखों मरना) से वजन कम होता है।प्रोटीन पूर्ति हेतु मांसाहार आवश्यक है।शाकाहारी लोग अच्छी बॉडी नहीं बना सकते।
ये सभी भोजन से संबधित गलत धारणाए हैं। जो कि सही नहीं है।
खेल प्रदर्शन पर आहार का प्रभाव (Effect of Diet on sports Performance)
संतुलित आहर का एक सामान्य व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए काफी योगदान होता है। किन्तु खेल के क्षेत्र में इसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। किसी भी खिलाड़ी की संतुलित आहार न केवल उसे फिट रहने के लिए बल्कि खेलों के दौरान होनेवाली थकान व ऊर्जा को क्षति पूर्ति के लिए भी आवश्यकता होती है। आहार खिलाड़ी के खेल प्रदर्शन का एक प्रमुख घटक है। जिसका निर्धारण खिलाड़ी के शरीर का आकार, भार, उम्र, लिंग, खेल व प्रशिक्षण की प्रकृति को ध्यान में रखकर किया जाता है। खिलाड़ियों को आवश्यक भोज्य-पदार्थों से युक्त संतुलित आहार के अलावा भी प्रशिक्षण के दौरान अतिरिक्त ऊर्जा के लिए अतिरिक्त भोजन की आवश्यकता पड़ती है।
आमतौर पर एक खिलाड़ी को लगभग 5000 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त करने के लिए एक खिलाड़ी को 4 भाग कार्बोहाइड्रेट, 1 भाग वसा तथा 1 भाग प्रोटीन का होता है अर्थात् इनका अनुपात क्रमशः 4:1:1 अवश्य होना चाहिए। यहाँ यह बात बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट हो जानी चाहिए कि भोजन संतुलित मात्रा में ही खिलाड़ी को दिया जाना चाहिए, क्योंकि संतुलित आहार की प्राप्ति से ही खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर पाएगा।
पूरक आहार का प्रयोग करते समय किन-किन निर्देशों का पालन करना चाहिएअत्याधिक सेवन हानिकारक हो सकता हैबच्चों की पहुँच से दूर रखेपूरक आहार की मात्रा आहार विशेषज्ञ क दिशा निर्देशों के अनुरूप ही लेब
पूरक आहार की अवश्यकता
पूरक आहार की आवश्यकता के निम्नलिस्थित कारण हो सकते हैं
- यदि दिया जाने वाला खाना पूर्ण रूप से पौष्टिक न हो और उससे सभी पोषक तत्वों की पूर्ति न होती हो
- खाने से सम्बन्धित विकार तथा भोजन एलर्जी
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