Physics, asked by kumar669895, 8 months ago

शरीर के योगदान की परिभाषा लिखो​

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Answered by naveengokara55
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Answer:

एक शाखा है जिसके अंतर्गत किसी जीवित (चल या अचल) वस्तु का विच्छेदन कर, उसके अंग प्रत्यंग की रचना का अध्ययन किया जाता है। अचल में वनस्पतिजगत तथा चल में प्राणीजगत का समावेश होता है और वनस्पति और प्राणी के संदर्भ में इसे क्रमश: पादप शारीरिकी और जीव शारीरिकी कहा जाता है। जब किसी विशेष प्राणी अथवा वनस्पति की शरीररचना का अध्ययन किया जाता है, तब इसे विशेष शारीरिकी (अंग्रेजी:Special Anatomy) अध्ययन कहते हैं। जब किसी प्राणी या वनस्पति की शरीर रचना की तुलना किसी दूसरे प्राणी अथवा वनस्पति की शरीर रचना से की जाती है उस स्थिति में यह अध्ययन तुलनात्मक शारीरिकी (अंग्रेजी:Comparative Anatomy) कहलाता है। जब किसी प्राणी के अंगों की रचना का अध्ययन किया जाता है, तब यह आंगिक शारीरिकी (अंग्रेजी:Regional Anatomy) कहलाती है।

Lateral head anatomy detail.jpg

परिचय

कोशिका

ऊतक

तंत्र

धरातलीय शरीररचना विज्ञान

इन्हें भी देखें

Answered by nitinsingh34753
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Answer:

जैसा कि विद्वानों तथा ऋषि-मुनियों ने बताया है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क रहता है।भगवान ने हमें यह शरीर किराए पर दे रखी है और हमें इस शरीर को धारण करके अपना अपना अभिनय इस संसार रूपी लोक मंच पर प्रस्तुत करके चले जाना है। यदि कोई अच्छा काम कर जाता है तो वह अपने नाम तथा शरीर से ही पहचाना जाता है कि फला व्यक्ति ने ऐसा काम किया ठीक उसी प्रकार यदि कोई पूरा काम करता है तो वह भी अपने नाम तथा अपने शरीर के रूप से ही पहचाना जाता है। उसकी आत्मा तो उसे छोड़ कर चली जाती है। जितने भी महापुरुष हुए हैं उनके शरीर तथा मस्तक पर खोज रूपी किरणी चमका करती थी। उदाहरण के तौर पर स्वामी विवेकानंद जी का यशस्वी चेहरा। यदि व्यक्ति बुद्धिमान है तो उसके शरीर अभाव तथा बॉडी लैंग्वेज से ही उसकी दशा का पता चल जाता है।

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