शरीर में लैंगिक जैविक घड़ी की भाँति कार्य करने वाली ग्रन्थि का नाम लिखिए।
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जीवधारियों के शरीर में समय निर्धारण की एक समुन्नत व्यवस्था होती है जिसे हम जैविक घड़ी या (बायोलॉजिकल क्लाक) कहते हैं।
मनुष्य में जैविक घड़ी का मूल स्थान हमारा मस्तिष्क है। हमारे मस्तिष्क में करोड़ो कोशिकाएं होती है जिन्हे हम न्यूरॉन कहते हैं। ये कोशिकाएं पूरे शरीर की गतिविधियों को नियंत्रित एवं निर्धारित करती है। एक कोशिका से दूसरे कोशिका को सूचना का आदान-प्रदान विधुत स्पंद द्वारा दिया जाता है। हम रात को समय विशेष पर सोने जाते हैं तथा सुबह स्वतः जाग जाते हैं। आखिर हम कैसे जान जाते हैं कि सुबह हो चुकी है। कौन हमें जगा देता है। हम निद्रा में रहते हैं किंतु हमारा मस्तिष्क तब भी सक्रिय रहता है। औसतन हम एक मिनट में 15-18 बार सांस लेते हैं तथा हमारा हृदय 72 बार धड़कता है। आखिर यह कहां से संचालित होता है।
पेड़-पौधों में निश्चित समय पर फूल लगना एवं फल बनना बसंत के समय पतझड़ में पुरानी पतियों का गिरना एवं पौधों का नई कोपलों धारण करना समय पर ही बीज विशेष का अंकुरण होना सब जैविक घड़ी की सक्रियता का परिणाम है।