शरीर व मन का स्वास्थ्य
स्वस्थ तन मे स्वस्थ मन
योग, ध्यान, अभ्यास
संतुलित
व्यायाम
प्रातः सैर
अच्छे साहित्य का अध्ययन
जीवन में लक्ष्य की प्राप्ति।
अच्छे विचार
उत्तर-
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- KUCH SAMAJH NAHI AAYA
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Answer:
दुनिया में स्वास्थ्य से बढ़कर कुछ भी नहीं होता और शरीर अगर स्वस्थ हो तो सब कुछ अच्छा लगता है, दिल को सुकून मिलता है लेकिन अगर हम थोड़ा भी बीमार पड़ते हैं तो सारी दुनिया अधूरी सी लगने लगती है। इसलिए स्वास्थ्य को सबसे बड़ा धन भी कहा गया है लेकिन वर्तमान परिवेश और हमारी जीवन-शैली ने लोगों को अस्वस्थ होने पर मजबूर कर दिया है। क्या इस अस्वस्थता के लिए हमारे द्वारा निर्मित दूषित परिवेश और जीवन-शैली सर्वाधिक जिम्मेदार नहीं है?
हम अपने परिवेश को इतना दूषित करते जा रहे हैं कि जीना दूभर होता जा रहा है और नयी-नयी बीमारियों का जन्म हो रहा है जिससे रोगियों की संख्या में साल-दर-साल बेतहाशा वृद्धि हो रही है। ऐसा कोई तत्व बाकी नहीं रहा जो प्रदूषित होने से बचा हो चाहे वायु, जल, भूमि, प्रदूषण हो या फिर अन्य। प्रदूषण एक ऐसा कारक है जो सबसे ज्यादा लोगोंको बीमार कर रहा है और लगभग सभी बीमारियों में कारक के रूप में इसके वर्चस्व को इंकार नहीं किया जा सकता। अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा किए गए विश्लेषण के अनुसार, 21 लाख लोग दुनियाभर में हर साल प्रदूषण की वजह से मृत्यु की गोद में समा जाते हैं। प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ गया है कि संयुक्त राश्ट्र के इन्टर गर्वन्मेंटल पैनल आॅन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की रिपोर्ट में दावा किया गया कि खतरा तो बढ़ चुका है लेकिन स्थिति अभी नियंत्रण से बाहर नहीं है। खतरा कम करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। इस रिपोर्ट को तैयार करने वाले 95 फीसदी वैज्ञानिक इस बात से सहमत थे कि जलवायु परिवर्तन के लिए हमारी गतिविधियां ही जिम्मेदार है।
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BY TEJAS KULKARNI PLEASE FOLLOW AND MARK AS BRAINLIST