India Languages, asked by kotwalmeenakshi19, 6 hours ago

शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्।। -उपनिषद् इसका पूरा श्लोक लिखे ये 1 लाइन है​

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Answered by luckytiwari171107
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संस्कृत सूक्ति 'शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्' का हिंदी में अर्थ– ब्रह्मचारी शास्त्रोक्तविधिपूर्वक की गई पूजा को स्वीकार करके पार्वती से बोले– 'शरीर धर्म का मुख्य साधन है।' संस्कृत की यह सूक्ति कुमारसम्भव

Answered by riyanziipiscabohaisi
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।।शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्।। -उपनिषद

अर्थ :  'शरीर ही सभी धर्मों (कर्तव्यों) को पूरा करने का साधन है। अर्थात शरीर को सेहतमंद बनाए रखना जरूरी है। इसी के होने से सभी का होना है अत: शरीर की रक्षा और उसे निरोगी रखना मनुष्य का सर्वप्रथम कर्तव्य है। पहला सुख निरोगी काया।

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