Sharir ke ango se Suchit muhavre Chitra Arth aur Vakya prayog ke sath ang 20
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Answer:
(1). आँखों में धूल झोंकना- धोखा देना।
वाक्य-प्रयोग-तुमने उसकी आँखों में धूल झोंक दी।
आड़े हाथों लेना – खरी खोटी सुनाना –
जब प्रकाश ने मेरे पैसे समय पर नहीं लौटाए तो मैंने उसे आड़े हाथों लिया।
आँख कान खुले रखना – सचेत रहना –
आतंकवाद इतना फैल गया है कि हर समय आँख कान खुले रखने पड़ते हैं।
एँड़ी चोटी का पसीना एक करना - बहुत मेहनत करना - इस काम को समय पर पूरा करने के लिए उसे एँड़ी चोटी का पसीना एक करना पड़ा है
एक टाँग (पैर) पर खड़ा रहना - काम करने के लिए सदा तैयार रहना - जब तक बहन की शादी सम्पन्न नहीं हुई, भूषण एक टाँग पर खड़ा रहा
औधी खोपड़ी का होना - मूर्ख होना - उसे समझाना ही बेकार है, वह बिल्कुल औधी खोपड़ी का आदमी है
औधे मुँह गिरना - बुरी तरह धोखा खाना - इस बार की खरीदारी में बेचारे की एक न चली, उलटे वह औधे मुँह गिरा।
कफन सिर से बाँधना - मौत या खतरे की परवाह नहीं करला - बहुतेरे नवयुद्ध कफन सिर से बाँधकर आजादी की लड़ाई में कूद पड़े थे
कमर कसना - तैयार होना - यदि युद्ध में विजय चाहते हो तो मरने मारने के लिए कमर कस लो
कमर टूटना - उत्साहहीन होना, असहाय होना - सीमा संघर्ष में अपने सैनिक साज सामान को बर्बाद होते देखकर पाकिस्तानी फौज की कमर ही टूट गयी
कलेजा का टुकड़ा - बहुत प्यारा - सौमित्र अपनी माँ के कलेजे का टुकड़ा था
कलेजा चीरकर दिखाना - पूरा विश्वास देना, कोई कपट न रखना - तुम्हारे लिए दिल में कितना प्यार है, यह मैं कलेजा चीरकर दिखा सकता हूँ।
कान ऐंठना - सुधरने की प्रतिज्ञा करना - मैं कान ऐंठता हूँ कि अब ऐसे गलत काम कभी नहीं करूंगा
कान काटना - मात करना - बुद्धि में तो वह वृहस्पति के भी कान काटता है
कान पर जूं न रेंगना - कुछ भी ध्यान न देना - मैं इतनी देर से चिल्ला रहा हूँ, लेकिन तुम्हारे कान पर जू तक नहीं रेंगती
कान भरना - शिकायत करना - आज कई दिनों से वह मुझसे बात तक नहीं करता, लगता है कि किसी ने मेरे विरुद्ध उसके कान भर दिये हैं
कान में तेल डालकर बैठना - ध्यान न देना - इतनी देर से बुला रहा था, लेकिन तुम तो कान में तेल डालकर बैठे थे
अक्ल चरने जाना – समझ का अभाव होना
इतना सी बीत भी समझ नहीं सके क्या अक्ल चरने गई है।
अक्ल का दुश्मन – मूर्ख
राम तुम मेरी बात क्यों नहीं मानते, लगता है आजकल तुम अक्ल के दुश्मन हो गए हो।
अँगूठा दिखाना – समय पर धोखा देना
अपना काम तो निकाल लिया, पर जब मुझे जरूरत पड़ी, तब अँगूठा दिखा दिया। भला, यह भी कोई मित्र का लक्षण है।
अँगुली उठाना – किसी के चरित्र या ईमानदारी पर संदेह व्यक्त करना
मित्र हमें ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे कोई हम पर अँगुली उठाए।
अँगुली पकड़कर पहुँचा पकड़ना – थोड़ा पाकर अधिक पाने की कोशिश करना
जब भिखारी एक रुपया देने के बाद और रुपए मांगने लगा तो मैंने उससे कहा- अँगुली पकड़कर पहुँचा पकड़ते हो, जाओ यहाँ से।
Explanation:
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