Sharir Mein Swasth Atma Niwas Karti Hai yah kathan Kiska hai
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महात्मा विक्रानंद जी ने अपने प्रवचन में कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ आत्मा निवास करती है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन में स्वास्थ्य का बड़ा ही महत्व है।
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उत्तर:महात्मा विक्रानंद जी ने अपने प्रवचन में कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ आत्मा निवास करती है।
व्याख्या:महात्मा विक्रानंद जी ने अपने प्रवचन में कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ आत्मा निवास करती है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन में स्वास्थ्य का बड़ा ही महत्व है। व्यक्ति के पास यश, मान, प्रतिष्ठा, ऐश्वर्य हो लेकिन स्वास्थ की कमी हो तो सभी वैभव एक प्रकार से व्यर्थ है। इसलिए शास्त्रों में भी स्वास्थ को उत्तम धन कहा गया है। वहीं साध्वी सौम्या बहन जी ने कहा कि आत्मा का ज्ञान सर्वोपरि है, उससे बढ़कर कोई ज्ञान नहीं है। वह परम प्रकाश है, इसके लिए सूर्य, चन्द्रमा, घी, बत्ती की आवश्यकता नहीं है। बस जरूरत है केवल एकाग्रता की। एकाग्र मन के अंदर आत्म ज्योति का प्रकाश प्रकाशित होता है।
व्याख्या:महात्मा विक्रानंद जी ने अपने प्रवचन में कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ आत्मा निवास करती है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन में स्वास्थ्य का बड़ा ही महत्व है। व्यक्ति के पास यश, मान, प्रतिष्ठा, ऐश्वर्य हो लेकिन स्वास्थ की कमी हो तो सभी वैभव एक प्रकार से व्यर्थ है। इसलिए शास्त्रों में भी स्वास्थ को उत्तम धन कहा गया है। वहीं साध्वी सौम्या बहन जी ने कहा कि आत्मा का ज्ञान सर्वोपरि है, उससे बढ़कर कोई ज्ञान नहीं है। वह परम प्रकाश है, इसके लिए सूर्य, चन्द्रमा, घी, बत्ती की आवश्यकता नहीं है। बस जरूरत है केवल एकाग्रता की। एकाग्र मन के अंदर आत्म ज्योति का प्रकाश प्रकाशित होता है।
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