शत्रुओं के बारे
में हीरा मोती के विचार किस
तरह भिन्न थे
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सर्वविदित है कि संगठन में शक्ति होती है। इसका एक नमूना हीरा-मोती ने अपने से बलशाली साँड को पराजित करके प्रस्तुत किया। गया के घर से भागे हीरा-मोती के सामने रास्ते में विशालकाय, मदमस्त साँड आ गया। हीरा-मोती ने सोच-विचार के बाद अपने से बलशाली शत्रु का मुकाबला करने की योजना बनाई मल्ल युद्ध में माहिर साँड को संगठित शत्रुओं से लड़ने का अनुभव न था। हीरा-मोती ने संगठित होकर साँड से युद्ध किया। एक ने आगे से वार किया तो दूसरे ने पीछे से। साँड जब हीरा को मारने दौड़ता तो मोती उस पर सींग से वार कर देता। वह जब मोती पर वार करता तो हीरा उसके बगल में सींग घुसा देता। इससे साँड जख्मी होकर बेदम हो गया और गिर गया।
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