शत् शरीर सुस्त महामाटी पस्त पर निबंध
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आज अक्सर लोग थके हुए, उदास, निराश नज़र आते हैं. बहुत से लोग हैं जो रोज़मर्रा के काम करने में ही थक जाते हैं. उनका कुछ करने का ही मन नहीं होता.
छोटे-मोटे काम भी थकाऊ और उबाऊ लगते हैं. ऐसा महसूस होता है कि जैसे शरीर में जान ही नहीं. भारीपन महसूस होता रहता है.
ब्रिटेन की एना कैथरीना शैफ्नर को ही लीजिए. वो हर वक़्त थकान महसूस करती थीं. यूं लगता था कि जैसे शरीर में ताक़त ही नहीं बची.
एना घरेलू काम में ही इतना थक जाती थीं कि उनका दफ़्तर का काम निपटाना बहुत भारी पड़ जाता था.
मगर एना कहती हैं कि थकान मिटाने के लिए वो जब भी बैठती थीं तो अपना फ़ोन चेक करना नहीं भूलती थीं.
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