Hindi, asked by reliancedj, 3 months ago

शवयमेव
24
मि
test
पहचानकर के पोत
अपने गात जा रहा​

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Answered by Itz2minback
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Answer:

सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एस.डी.एस.सी.), शार के प्रथम प्रमोचन पैड से 16 दिसंबर, 2015 को पी.एस.एल.वी.-सी.29 प्रमोचक राकेट के सफल उत्‍थापन ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के इतिहास ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। भारत के अंतरिक्ष-पत्‍तन से उपग्रह प्रमोचक रॉकेट का यह 50 वां प्रमोचन है। श्रीहरिकोटा इन प्रमोचक राकेटों के जरिए वांछित कक्षाओं में विभिन्‍न स्‍वदेशी एवं विदेशी उपग्रहों के अंत:क्षेपण का साक्षी रहा है।

इस संदर्भ में, 29 दिसंबर, 2015 को एस.डी.एस.सी.-शार में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें अध्‍यक्ष, इसरो तथा एस.डी.एस.सी.-शार के सेवारत एवं सेवानिवृत्‍त कर्मचारियों के साथ इसरो/अं.वि. के भूतपूर्व एवं वर्तमान वरिष्‍ठ पदाधिकारियों ने शिरकत की।

श्री आ.सी. किरणकुमार, अध्‍यक्ष, इसरो ने निर्जन द्वीप समूह से विश्‍वस्‍तरीय प्रमोचन केंद्र बनने में एस.डी.एस.सी.-शार की उत्‍पत्ति की जानकारी दी। उन्‍होंने सफल मिशनों को बनाए रखने में इसरो की टीम भावना की भूमिका के बारे में व्‍याख्‍यान प्रस्‍तुत किया।

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