shavayathra summary in
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वाल्मीकि की 'शवयात्रा' का आरंभ इन शब्दों से होता है– 'चमारों के गांव में बल्हारों का एक परिवार था, जो जोहड़ के पार रहता था। ' ध्यान दें कि गांव चमारों का था, जिसका अर्थ है कि अन्य जातियों या धर्म के लोग उसमें शायद नहीं रहते थे। तब किसी चमार को ही गांव का प्रधान भी होना चाहिए। पर, कहानी से ऐसा प्रतीत नहीं होता।
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