Art, asked by gs740014, 10 months ago

shayari on poor children some thing about umbrella. ☂️☔Please answer fast it is important ​

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Answered by Anonymous
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Answer:

अजीब मिठास है मुझ गरीब के खून में भी,

जिसे भी मौका मिलता है वो पीता जरुर है।

सुला दिया माँ ने भूखे बच्चे को ये कहकर,

परियां आएंगी सपनों में रोटियां लेकर।

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मजबूरियाँ हावी हो जाएँ ये जरूरी तो नहीं,

थोडे़ बहुत शौक तो गरीबी भी रखती है।

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चेहरा बता रहा था कि मारा है भूख ने,

सब लोग कह रहे थे कि कुछ खा के मर गया।

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वो जिनके हाथ में हर वक्त छाले रहते हैं,

आबाद उन्हीं के दम पर महल वाले रहते हैं।

भटकती है हवस दिन-रात सोने की दुकानों पर,

गरीबी कान छिदवाती है तिनके डाल देती है।

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जरा सी आहट पर जाग जाता है वो रातो को,

ऐ खुदा गरीब को बेटी दे तो दरवाज़ा भी दे।

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जब भी देखता हूँ किसी गरीब को हँसते हुए,

यकीनन खुशिओं का ताल्लुक दौलत से नहीं होता।

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सहम उठते हैं कच्चे मकान पानी के खौफ़ से,

महलों की आरज़ू ये है कि बरसात तेज हो।

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रुखी रोटी को भी बाँट कर खाते हुये देखा मैंने,

सड़क किनारे वो भिखारी शहंशाह निकला।

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यूँ न झाँका करो किसी गरीब के दिल में,

वहाँ हसरतें बेलिबास रहा करती हैं।

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तहजीब की मिसाल गरीबों के घर पे है,

दुपट्टा फटा हुआ है मगर उनके सर पे है।

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कैसे मोहब्बत करूं बहुत गरीब हूँ साहब,

लोग बिकते हैं और मैं खरीद नहीं पाता।

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उन घरों में जहाँ मिट्टी के घड़े रहते हैं,

क़द में छोटे हों मगर लोग बड़े रहते हैं।

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यहाँ गरीब को मरने की जल्दी यूँ भी है,

कि कहीं कफ़न महंगा ना हो जाए।

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hope this helps u mate

Answered by Anonymous
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\huge\mathcal\color{teal}Answer:-

Ok no problem mate... but plz report my answers that i gave u.. I've also reported urs... :)

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