shiksha ka nidhikaran nibandh
Answers
Answered by
0
Answer:
प्राचीनकाल से ही शिक्षा मानव जीवन का अभिन्न अंग रही है क्योंकि यह मस्तिष्क का संवर्धन कर दक्षता प्राप्ति द्वारा जीवन को संतोषजनक बनाती है। ऐसी धारणा है कि शिक्षा का सर्वव्यापीकरण 20वीं शताब्दी में ही संभव हुआ था। आज शिक्षा मानव की मूलभूत आवश्यकता बन गई है। प्रत्येक व्यक्ति में सीखने और अपने आपको शिक्षित करने की ललक होती है और शिक्षा ही उसे आवश्यक ज्ञान द्वारा जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए सुसज्जित करती है।
आज शिक्षा वह नींव है जिस पर आधुनिक समाज के स्तम्भ खड़े हैं।यदि नीजी क्षेत्र प्राथमिक/ उच्च विद्यालय शिक्षा में संलग्न है तो उनमें से अधिकांश संस्थानों में मुख्यतः सरकारी निधि या सहायता प्राप्त संस्थानों में अनुदान से प्राप्त धन को अक्सर, दूसरे नाम पर खर्च करके स्थिति को बदतर बना दिया जाता है।
Similar questions