Hindi, asked by sayamc2002, 1 year ago

shiksha mein khel ka mahatva essay ibn hindi









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Answered by writersparadise
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Khel-kood shiksha ke abhinn ang ban chuka hai.
Iska karan saral hai. Vidhyarthi, apne pathya kram mey jo shiksha grahan kartey hai uska upyog kheltey vakt kar saktey hai.

Khel mein jo niyamo ka dhyaan rakhna chahiyen voh veh kaksha mey adhyapak ke dvaraa sikhtey hai. 

Khel kood mey unki ekagrata bhi badhti hai. Iske fal swarup veh kaksha mey jyadaa dhyaan de saktey hai.

Kheltey vakt unko apney mann ki bhadaas nikaal ne ka moka milta hai. Is sey padhaai kartey vakt unka mann shaant rehta hai.

Khel kood sey bhaicharaa aur sahayog bhi badhta hai.
Answered by tejasmba
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शिक्षा में खेल का महत्व

मनुष्य के जीवन में खेल-कूद बहुत आवश्यक है। हमारे जीवन में अनेक परेशानियाँ होती है तथा हम तनाव से ग्रस्त होते है। और खेल-कूद हमें परेशानियों से, तनाव एवं चिंताओं से निजात दिलाता है। शिक्षा में खेल का विशेष महत्व है। यह शिक्षा का अनिवार्य हिस्सा है।

खेलों से मनुष्य का संपूर्ण विकास होता है। हमारा शरीर स्वस्थ, चुस्त और तंदुरुस्त बनता है। खेल-कूद मन में ताजगी लाते हैं। स्कूल कालेजों में अनेक प्रकार के खेलों की व्यवस्था होती है। सिर्फ पढ़ाई करते करते विद्यार्थी उब जाते हैं। और फोड़ी देर खेल लेने से वह तनाव मुक्त होते हैं और फिर पढ़ाई में ध्यान लगा पाते हैं।

खेल के माध्यम से ही बच्चे विद्यार्थी जीवन में नई-नई बातें सीखते है। खेलों से ही अनुशासन, ईमानदारी, निष्ठा, समय का पाबंद होने जैसे गुणों का विकास होता है। खेल में मिली हार-जीत से ही वह जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा लेते हैं। हार से वह सीखते हैं कि अपने अंदर की खामियों को कैसे कम करें तथा जीत उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। बच्चों में साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है।

खेल-कूद मनोरंजन का बेहतर साधन है। पढ़ाई के बाद खाली समय में विद्यार्थियों को व्यस्त रखने का यह सर्वोत्तम उपाय है। खेल-कूद के बिना शिक्षा अधूरी है। विद्यार्थी को श्रेष्ठ नागरिक बनाने के लिए खेल-कूद अतिआवश्यक है।

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